बिलासपुर

खाद्य सचिव ने की धान खरीदी की तैयारी की समीक्षा सीसीटीवी कैमरे से होगी धान खरीदी केन्द्रों की निगरानी इलेक्ट्रानिक कांटा-बाट का होगा तौल में इस्तेमाल

बिलासपुर, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के सचिव श्री अन्बलगन पी ने आज मंथन सभाकक्ष में कलेक्टरों की बैठक लेकर बिलासपुर संभाग में धान खरीदी की तैयारी की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि खरीदी केन्द्रों पर गड़बड़ी रोकने के लिए सीसीटीवी कैमरें से निगरानी रखी जायेगी। प्रत्येक केन्द्र पर दो-दो कैमरे लगाए जाएंगे। इसके साथ ही धान संग्रहण केन्द्रों और राईस मिल परिसरों में भी कैमरे इन्स्टाल किये जाएंगे। तौल में गड़बड़ी की आशंका को दूर रखने के लिए इलेक्ट्रानिक कांटा बाट का उपयोग किया जायेगा। शासन के निर्देशानुसार 14 नवम्बर से धान खरीदी की प्रक्रिया शुरू होगी। उन्होंने तमाम तैयारियां इसके पहले पूर्ण कर ओके रिपोर्ट देने के निर्देश दिए। संभागायुक्त श्री महादेव कावरे, एमडी मार्कफेड रमेश शर्मा सहित संभाग के सभी 8 जिलों के कलेक्टर एवं धान खरीदी कार्य से जुड़े विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
खाद्य सचिव श्री अन्बलगन पी ने कहा कि धान खरीदी का कार्य राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता का काम है। इसके लिए शासन के दिशा-निर्देश एवं प्रक्रिया स्पष्ट रूप से परिभाषित किए गए हैं। इनका पालन करते हुए गंभीरता पूर्वक किसानों से उनकी मेहनत का उपज खरीदा जाये। उन्होंने कहा कि निर्धारित लिमिट के अंतर्गत वास्तविक किसानों का एक-एक दाना धान खरीदा जाए। उन्हें धान बेचने में किसी तरह की दिक्कत नहीं आए, इसका ध्यान रखें। किसानों की सुविधा के लिए छाया-पानी का इंतजाम भी स्थल पर किया जाए। गौरतलब है कि राज्य शासन ने प्रति एकड़ 21 क्विंटल की अधिकतम सीमा निर्धारित की है। बताया गया कि इस बार जारी टोकन तिथि के 7 दिन बाद धान बेचने की बारी आयेगी। खाद्य सचिव ने बारदाने की उपलब्धता एवं किसानों के भुगतान कार्य की भी समीक्षा की। उन्होंने कहा कि बैंक से नकद निकासी में किसानों को किसी प्रकार की दिक्कत न आए। इसके लिए पयाप्त मात्रा में कैश रखा जाए।
खाद्य सचिव ने कहा कि गड़बड़ी की आशंका वाले कम से काम पांच केन्द्रों पर सीधी निगरानी कलेक्टर स्वयं करें। पूर्व के अनुभव के आधार पर इनका चयन कर लिया जाए एवं रोज इसकी रिपोर्ट लिया जाये। उन्होंने कहा कि धान खरीदी अभियान का लाभ हमारे वास्तविक किसानों के लिए है, न कि कोचियों और दलालों के लिए। इसलिए दलाल किस्म के लोगों की पहचान पूर्व से ही कर लिया जाए और उनकी गतिविधि पर नजर रखी जाए। खरीदी प्रक्रिया पर जरा भी बाधा अथवा गड़बड़ी करने वाले पर तत्काल कार्रवाई किया जाये। पूरी प्रक्रिया पारदर्शिता पूर्वक होनी चाहिए। उन्होंने खरीदी प्रक्रिया का ट्रायल एवं रन करने के निर्देश भी दिए और आने वाली त्रुटियों को समय रहते सुधार लेने को कहा है ताकि खरीदी शुरू होने के बाद किसी तरह की बाधा न आए। उन्होंने मौसम की अनिश्चितता के मद्देनजर बेमौसम बारिश से फड़ के धान का बचाव के उपाय का इंतजाम रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कलेक्टरों और प्रक्रिया से जुड़े अधिकारियों की शंकाओं का समाधान भी किया। उन्होंने खरीदी केन्द्रों पर चेकलिस्ट के अनुरूप सभी तैयारियां पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं।

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