
*करोड़ो रुपया का छात्रावास तीन सालों में हुआ जर्जर*
कसडोल/लवन से ताराचंद कठोत्रे की रिपोर्ट
जिला मुख्यालय से महज 15 किलोमीटर दूर नगर पंचायत पलारी में PWD विभाग द्वारा वर्ष 2019- 20 में 4 करोड़ 56 लाख रुपयों की लागत राशि से तीन छात्रावास बनाये गए थे। जिसमे एक कन्या छात्रावास और दो बालक छात्रावास हैं। छात्रावास को बने महज तीन साल ही हुआ है और तीनो छात्रावास खस्ताहाल हो गई है।
वीओ- निर्माण छात्रावास भवन आज अपनी बदहाली का रोना रो रहा हैं, जी हाँ,,,,,,,, आज छात्रावास को बने लगभग तीन वर्ष पूर्ण हो चुका है,,,,,,छात्रवास का अभी तक उदघाटन नही हुआ है और न आदिमजाति विभाग को हैंडओवर किया गया है और तीन वर्षों में ही विभाग की पोल खुल गयी है। छात्रावास के अंदर दरारे पड चुकी हैं, नवनिर्माण छात्रवास चारो ओर से जर्जर हो चुका है, दरारे चीख-चीख कर भ्रष्टाचार की पोल खोल रही है, की किस तरह ठेकेदार और pwd के अधिकारियों ने सरकार की करोड़ो रूपये की राशि का बंदरबांट कर दिया है। वही pwd के अधिकारियों ने अपनी नाकारापन को छुपाने के लिए दरारों को रिपेरिंग भी किया है। विभाग के अधिकारियों ने अपने काले कारनामा को छुपाने की बहुत कोशिश की है लेकिन छुप नही पाया।
विओ- छात्रावास को बने तीन वर्ष बीत चुका है इन तीन सालों के भीतर विभाग ने छात्रावास से 17 लाख रुपयों की सामान चोरी होने की बात कही है। जिसके बाद विभाग ने फिर 17 लाख रुपयों की सामान खरीद डाली, मगर आज तक न चोर मिला और न ही सामान मिले ये चोरी भी विभाग के नापाक मंसूबे को दर्शाता है। pwd विभाग ने जो सामान छात्रावास में लगाये है ओ केवल काम चलाऊ हैं। वहीं तीन सालों से निजी मकानों में छात्रावास संचालित किया जा रहा है, मकानों की किराये की बात करे तो 15 से 20 हजार रुपये तक किराया मकान मालिकों को दिया जाता है। अब बड़ा सवाल यह खड़ा होता है कि जब छात्रावास बन चुकी थी तो फिर सरकारी छात्रवास में बच्चो को शिफ्ट क्यो नही किया गया क्या निजी मकान मालिकों को फायदा पहुँचाने के लिए सरकारी पैसों को विभाग ने दुरुपयोग किया है।
वीओ- आपको बताते चले कि बलौदाबाजार जिले के पलारी तहसील में करोड़ो रुपए की लागत से बनाया गया बच्चों का छात्रावास भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुका है. बच्चों के लिए बनाए गए करीब 4 करोड़ 56 लाख रुपए के छात्रवास की गुणवत्ता इतनी घटिया है कि बच्चों को रहने में भी डर लगेगा,,,,, आलम यह है कि दीवारों की परतें भी गिरने लगी हैं. अधिकारियों और ठेकेदार की मिली भगत से करोड़ो रुपयों का छात्रवास भ्रष्टाचार की चरमसीमा में पहुँच चुकी हैं, पूरे निर्माण कार्य मे ठेकेदार और अधिकारियों की साठ गाठ से घटिया क्वालिटी का मटेरियल उपयोग किया है और उसी का नतीजा है कि तीन सालों में छात्रवास के सभी कमरों में दरारे पड चुकी है। ऐसे स्थितयों में जिला के संवेदनशील कलेक्टर क्या कार्यवाही करते है ये देखना दिलचस्प होगा।
विओ- वही इस मामले में आदिमजाति विभाग ने कोरोना काल कहते पल्ला झाड़ दिया। जबकि pwd के कार्यपालन अभियंता टीसी वर्मा ने मीडिया के सवालों से भागते नजर आए। साथ मे छात्रावास की दरारे पड़ने को ब्लास्टिंग की वजह बताते फिर रहे हैं। ऐसे अधिकारियों पर जब तक कार्यवाही नही होगी तब तक सरकारी निर्माण कार्य भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ती रहेंगी। वही इस मामले में कलेक्टर ने जांच कर उचित कार्यवाही करने की बात कही है
बाइट01 -टी सी वर्मा, कार्यपालन अभियंता PWD
बाइट 02 – प्रकाश लहरे, आदिमजाति विभाग