
कांग्रेस पार्टी से निलंबन के बाद डॉ. प्रेम चंद जायसी का आया बयान,कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी दिलीप लहरिया पर षड्यंत्र कर छवि धूमिल करने का लगाया आरोप……
ब्यूरो रिपोर्ट शिखर एक्सप्रेस न्यूज़
मस्तूरी – मस्तूरी कांग्रेस कमेटी में गुटबाजी का मामला कोई नई बात नही है। मस्तूरी में कांग्रेस नेताओ का एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप होता रहा है। एक बार फिर गुटबाजी देखने को मिला है। वोटिंग के ठीक 2 दिन पहले मस्तुरी क्षेत्र के लोकप्रिय नेता डॉ. प्रेम चंद जायसी को पार्टी से निलंबित किया गया है। मामले के बाद से मस्तूरी की राजनीति में खलबली मच गई है। क्षेत्र की राजनीतिक जानकार इसे कांग्रेस का बड़ा नुकसान बता रहे है। जिसका सीधा असर अब चुनाव में देखने को मिल सकता है। वही अन्य पार्टियां भी कांग्रेस को मस्तूरी में खोखला बता रहे है।
डॉ. प्रेम चंद जायसी का बयान..
मित्रों मुझे कांग्रेस पार्टी से निलंबित किया गया है, निलंबन करने के पहले दिए गए नोटिस एवम् निलंबन पत्र में प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा सिर्फ यह लिखा गया है कि पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त पाए जाने का संज्ञान में आया है। नोटिस के जवाब में मेरे द्वारा पूछते हुवे यह लिखा गया की किस विधानसभा में मेरे द्वारा पार्टी के खिलाफ कार्य किया गया है अवगत कराने पर ठीक से अपना पक्ष रख सकूं, प्रभारी महामंत्री मलकीत सिंग गेंदू जी से उनके मोबाईल में बात करने पर भी यह कहा गया की मुझे जानकारी नहीं है अध्यक्ष जी ने जो कहा उनके आदेशानुसार यह कार्यवाही की गई है आप अध्यक्ष जी से बात कर लीजिए।
मित्रों विदित हो कि मेरा कार्यक्षेत्र बलोदाबाजार जिला संगठन प्रभारी के रूप में रहा है, पूर्व लोकसभा प्रत्याशी जांजगीर होने के नाते जांजगीर जिला रहा है, मस्तुरी मेरा गृह विधानसभा होने के नाते विधानसभा मस्तूरी का दावेदार था, टिकट नहीं मिलने पर मैं अपने घर पर रहा क्योंकि मुझे पार्टी प्रत्याशी दिलीप लहरिया एवम् प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा इस चुनाव में कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई है, परन्तु आज न्यूज पेपर में मेरे निलंबन के बारे समाचार छपा है उसमे प्रत्याशी दिलीप लहरिया के द्वारा शिकायत की है की प्रेमचन्द जायसी जी घर में रहकर फोन के माध्यम से बूथ हारने पर 1लाख इनाम देने जैसे आरोप लगाए हैं वे निराधार है मैने किसी को भी इस तरह फोन नहीं किया, यह बाते सरासर ग़लत है, दरअसल दिलीप लहरिया मस्तुरी क्षेत्र में अलोकप्रिय है जन जन में उनका विरोध है, यह उनके चुनावी भ्रमण में लोगों का विरोध होते दिखा भी है, एक तो दिलीप लहरिया चुनाव में टिकट के लिए समाज विरोधी रास्ता अपनाकर जैसे मैं सूर्यवंशी हूं और प्रदेश में अनुसूचित जाति के 10 आरक्षित सीट में 1सीट सूर्यवंशी समाज से दी जाय इस आधार पर टिकट लाया है जबकि मस्तुरी क्षेत्र में हम और समाज के प्रबुद्ध जन सतनामी सूर्यवंशी समाज को एक करने का विगत 20 सालों से लगातार प्रयास करते आ रहे हैं जो की सर्वविदित है। दिलीप लहरिया जी अपने अलोकप्रियता के कारण क्षेत्र मे हो रहे उनके विरोध को देखते हुवे अपने संभावित हार को छुपाने के लिए साजिश के तहत झूठा शिकायत कर मेरे क्षवि को बदनाम करने के नियत से अपने चुनाव जिताने वाले ठेकेदार के साथ मिलकर ये कहानी गढ़ी है, मस्तुरी के जन जन को पता है लोगों के सुख दुख में मैं हमेशा खड़ा रहता हूं, जनता फैसला करेगी, और मेरे खिलाफ जो साजिश/ सड़यंत्र की गई है समय के साथ बेनकाब भी होगी, क्योंकि देर से ही सही न्याय सच्चाई को ही मिलता है। मैं कभी प्रेस मीडिया या कही भी इसके पहले कभी इस तरह की बात नहीं किया, परन्तु आज मेरे खिलाफ झूठा आरोप को देखते हुवे अपने आत्मसम्मान को देखते हुवे उसे खंडन भी जरूरी है। बाकी सड़यंत्रकारी दिलीप लहरिया जी एवम् उन्हें चुनाव में जिताने वाले ठेकेदार के संबंध में पार्टी फोरम में अनुशासित ढंग से अपनी बात रखूंगा।
आपका
डॉ प्रेमचन्द जायसी