
सुगम नहीं, प्रवेश और निर्गम…..
बच्चे, बुजुर्ग और दिव्यांग यात्रियों को हो रही परेशानी
शिखर एक्सप्रेस न्यूज/भाटापारा आवाजाही कैसे सुगम होगी ? यह सवाल रेलवे स्टेशन प्रवेश कर रहे यात्रियों के हैं क्योंकि प्रवेश द्वार के सामने का हिस्सा निर्माण कार्य के लिए खोदा जा रहा है। किनारों की जगह खाली तो है लेकिन सुगम नहीं है।

भाटापारा स्टेशन का सौंदर्यीकरण का काम द्रुत गति से चल रहा है। लेकिन जहां-तहां हो रही खुदाई यात्रियों के लिए परेशानी की वजह बनी हुई है। खासकर शाम ढलने के बाद तो यह दिक्कत और भी ज्यादा हो जा रही है। वैकल्पिक उपाय तो है लेकिन यह सही नहीं माने जा रहें हैं।
पूरा हिस्सा बंद
स्टेशन के मुख्य प्रवेश द्वार के ठीक सामने हो चुकी खुदाई के बाद आवाजाही पूरी तरह बाधित हो चुका है। ऐसे में आवाजाही के लिए यात्रियों को दोनों किनारों के खुले हिस्से की ओर जाना पड़ रहा है। यह किनारे इसलिए सुरक्षित नहीं माने जा रहे हैं क्योंकि यहां पर ऑटो और मोटर साइकिलें खड़ी होती हैं।

ज्यादा परेशानी इन यात्रियों को
सामने का हिस्सा बंद होने के बाद बच्चे, बुजुर्ग और दिव्यांग यात्रियों को सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है क्योंकि सूचना देने वाली जानकारी नहीं मिलती। लिहाजा किसी तरह खुद को रास्ता खोजना पड़ रहा है, जहां से सुगमता के साथ प्रवेश और निर्गम हो सके। सुबह और शाम यह परेशानी ज्यादा महसूस की जा रही है।
सड़क पर यह कैसे
प्रवेश द्वार के सामने की सड़क पर ही हर रोज लगता है लेबर मार्केट। यहीं पर ऑटो और टैक्सी स्टैंड है। अनाधिकृत हैं यह दोनों। आवाजाही को यह भी प्रभावित कर रहे हैं। बड़ा सवाल यह है कि इन्हें कब हटाया जाएगा ? जवाब नहीं मिलते। इसलिए जैसे- तैसे करके यात्री आना-जाना कर रहे हैं।