रायगढ़

ग्राम पंचायत पंचधार के ग्रामीणों ने अपेरा (उड़िया नाटक) पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने एसडीएम को सौंपा ज्ञापन

ब्यूरो रिपोर्ट शिखर एक्सप्रेस न्यूज़

सरिया;- ग्राम पंचायत पंचधार में कोरोना काल के पहले विगत 15 वर्षों से लगातार अपेरा (उड़िया नाटक) लाया जा रहा है। जिससे गांव में अशांति का माहौल भी फैल रहा है। जिसके कारण अपेरा (उड़िया नाटक) उड़ीसा से लाया जाता है। जिसमें रंगारंग कार्यक्रम के नाम पर अभद्रता पूर्वक अश्लील डांस किया जाता है, जिसे परिवार के साथ बैठकर देखने से बहुत लज्जा व सीर झुक जाता है। जिस कारण इसे उड़ीसा के बरगढ़ जिले में कलेक्टर द्वारा पूर्ण रूप से करीब 20 वर्षों से प्रतिबंध लगा दिया गया है। उसके बावजूद यह अपेरा उड़िया नाटक वाले छत्तीसगढ़ में और उड़ीसा के सीमांत जिले जैसे सारंगढ़ बिलाईगढ़ और रायगढ़ को खासकर आते हैं और अपना रंग दिखाते हैं। जिसे देखने के लिए हजारों की संख्या में भीड़ भी होते हैं जिसका टिकट दर काफी मात्रा में 200-300 तथा ₹500 तक काटकर भोले भाले ग्रामीणों को लुटा जाता है। जिस पैसे का समिति के लोग कई बार गलत उपयोग भी कर चुके हैं। आपको बता दें कि उक्त अपेरा उड़िया नाटक के आने से गांव में अशांति का माहौल व्याप्त हो जाता है। जैसे गांव में जुआ, जिस्मखोरी और दारू की अवैध बिक्री जोरों पर चलता है। तथा अपेरा उड़िया नाटक के आड़ में गांव के नवयुवक युवतियां गांव से भाग जाते हैं, यह हर वर्ष कर रिकॉर्ड भी है जिससे गांव घर की बदनामी तो अलग बेइज्जती भी काफी होता है। ज्ञात हो कि वर्तमान समय में ग्राम पंचायत पंचधार के पंचायत द्वारा अनुमति नहीं दिए जाने के कारण ग्रामीण लोगों द्वारा सीमांतर ग्राम पंचायत महाराजपुर से अनुमति लेकर अपेरा उड़िया नाटक कराने की फिराक में है। वर्तमान समय में आई फ्लू का प्रकोप भी गांव में तेजी से फैल रहा है अपेरा उड़िया नाटक के आने से पूरे गांव के साथ-साथ पूरे अंचल में भी आई फ्लू रौद्र रूप ले सकता है जैसे कोरोना ने लिया था। इसलिए ग्रामीणों ने सारंगढ़ एसडीएम से निवेदन करते हुए अपेरा उड़िया नाटक पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाकर ग्राम में होने वाले अवैध कार्य से निजात दिलाने की मांग की है। जिसमें मुख्य रुप से सरपंच उजला, बालमुकुंद पटेल, प्रसन्न प्रधान, दीपक सहा, प्रमोद कुमार प्रधान, प्रकाश प्रधान, दयासागर धोबा, रोहित प्रधान, दूलामणि बैरागी, जितेंद्र पाव, आदिकांत पाव, गुरु चरण पटेल, गुरुदेव पाव, सुदामा, नरसिंह सिदार, सुधाकर, प्रताप यादव, खेतेश्वर, हेतराम, कुंजबिहारी, राजकुमार, प्रमोद, पदमालोचन, लक्ष्मण चौहान, खिरसागर, जयलाल, प्रभात, कृपाराम सिदार, गंगाधर, रामलाल, राजकुमार, मंगल, बसंत सारथी, दिलीप, प्रेमशिला, दीपेश मेहर, विद्याधर पटेल, गजपति पाव सहित भारी संख्या में सदस्य उपस्थित थे।

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