बलौदा बाजार

भाजपा सरकार द्वारा शिक्षा व्यवस्था के साथ हो रहे अन्याय के विरुद्ध NSUI का आंदोलन

बलौदाबाजार भाटापारा एनएसयूआई जिला अध्यक्ष विवेक यदु ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर भाजपा सरकार द्वारा शिक्षा व्यवस्था के साथ हो रहे अन्याय के विरुद्ध विरोध जताया यदु ने बताया कि 10000 स्कूलों का युक्तिकरण: शिक्षा के अधिकार पर हमला सरकार ने “युक्तिकरण” के नाम पर 10000 स्कूल बंद करने की नीति अपनाई है ये वही सरकार है जो “मोदी गारंटी” में 57000 शिक्षकों की भर्ती की बात कर रही थी जब शिक्षकों की भर्ती की बात थी तो वादे किए गए, लेकिन अब स्कूलों को ही खत्म किया जा रहा है यह कदम ग्रामीण, गरीब, आदिवासी और दूरस्थ क्षेत्रों के बच्चों के शिक्षा के अधिकार पर सीधा हमला है सवाल यह उठता है कि जब स्कूल ही नहीं रहेंगे तो 57000 शिक्षक कहाँ और क्यों भर्ती किए जाएंगे?

विवेक यदु ने आगे कहा कि 57000 पदों पर भर्ती की मांग: मोदी गारंटी को निभाने की चुनौती एनएसयूआई की स्पष्ट मांग है कि सरकार 57000 शिक्षकों की भर्ती की घोषणा को केवल “चुनावी जुमला” न बनाए। भर्ती प्रक्रिया 2008 के सेटअप के अनुसार पारदर्शी ढंग से और बिना किसी छेड़छाड़ के की जाए। अगर सरकार में इच्छाशक्ति है तो वह इस भर्ती प्रक्रिया को तत्काल प्रारंभ करे।
अगर भाजपा सरकार अपने वादों पर खरा नहीं उतरती, तो यह युवाओं के साथ धोखा और विश्वासघात होगा।
यदु ने कहा सीटेट परीक्षा का परिणाम अब तक लंबित: युवाओं के भविष्य से खिलवाड़
राज्य सरकार द्वारा आयोजित
CGCTET परीक्षा को 1 वर्ष से अधिक समय हो चुका है।
आज तक परिणाम जारी नहीं किया गया, जिससे हजारों युवा मानसिक और आर्थिक तनाव में हैं। NSUI मांग करती है कि सरकार तत्काल परिणाम जारी करे परिणाम प्रक्रिया को पारदर्शी और समयबद्ध बनाए देरी के कारणों की लोकसभा में रिपोर्ट पेश की जाए
जिला अध्यक्ष ने कहा कि सरकारी स्कूल और आत्मानंद विद्यालयों को बिजली विभाग का नोटिस असंवेदनशीलता की पराकाष्ठा बिजली विभाग द्वारा सरकारी स्कूलों और स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालयों को बिजली बिल चुकाने के लिए नोटिस जारी किया गया है दुर्भाग्यपूर्ण यह है कि सरकार इन स्कूलों को आवश्यक फंड भी उपलब्ध नहीं करा रही है।
क्या बच्चे गर्मी में बिना बिजली के, पंखे और लाइट के बिना पढ़ाई करेंगे?
यह स्पष्ट है कि सरकार की प्राथमिकता शिक्षा नहीं, केवल आंकड़ेबाजी और दिखावा है।
विवेक यदु ने आगे कहा कि युक्तिकरण के नाम पर स्कूल बंद करना आरटीई (RTE) कानून का उल्लंघन
सरकार द्वारा युक्तिकरण के बहाने जो 10000 से अधिक स्कूल बंद किए जा रहे हैं, वह केवल प्रशासनिक निर्णय नहीं, बल्कि कानूनी और संवैधानिक उल्लंघन भी है।
भारतीय संविधान की धारा 21-A और ‘मुफ्त और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 (RTE Act, 2009)’ के तहत
> “हर बच्चे को 6 से 14 वर्ष की आयु तक मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा प्रदान करना राज्य का दायित्व है।”
RTE अधिनियम की धारा 3, 4 और 6 यह स्पष्ट रूप से कहती हैं कि प्रत्येक बच्चे को उसके निकटतम प्राथमिक विद्यालय में प्रवेश और शिक्षा का अधिकार है।
ऐसे में स्कूलों को बंद करना न सिर्फ गरीब और ग्रामीण बच्चों को शिक्षा से वंचित करना है, बल्कि RTE अधिनियम की मूल भावना का उल्लंघन भी है।
विवेक यदु ने विरोध करके कहा कि
NSUI पूछती हैं:
क्या स्कूल बंद कर देना संविधान की भावना के विरुद्ध नहीं है?
क्या यह बच्चों के मौलिक अधिकारों को कुचलना नहीं है?

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