
अब समूह बनाकर अपराध…!
बलौदा बाजार भाटापारा से मो शमीम खान
स्वरूप बदल रहा अपराधजगत
भाटापारा- समूह बना रहे हैं किशोर। कर रहे ऐसी हरकतें जिन पर फौरन रोक नहीं लगाई गई, तो गिरोह की शक्ल अख्तियार कर सकते हैं। समय है, नियंत्रण और अंकुश लगाने का लेकिन अधिकारियों व मैदानी अमले को फिलहाल दूर देखा जा रहा है।

बढ़ती अपराधिक गतिविधियों के बीच, अब शहर की चुनिंदा जगहों पर ऐसे चेहरे नजर आने लगे हैं, जो समूह में निकल कर छोटे-छोटे अपराध कर रहे हैं। छेड़खानी सामान्य हो चुकी है क्योंकि शिकायत नहीं होती। तेज वाहन चालन से संभावित दुर्घटनाओं से बचने की कोशिश इसलिए की जा रही है क्योंकि मालूम है सुनवाई नहीं होगी। परिणाम है, समूह बनाकर अपराध करने जैसे प्रयास।
सख्ती की जरूरत यहां
वैसे तो हर तिराहे और चौराहे ऐसी हरकतों के लिए मुफीद ठिकाने बन चुके हैं लेकिन रामसागर पारा, बस स्टैंड से कॉलेज जाने वाला मार्ग, नयापारा, शक्ति वार्ड के साथ गर्ल्स स्कूल तथा ऐसे क्षेत्रों में यह तत्व ज्यादा नजर आ रहे हैं, जहां महिलाओं और युवतियों की आवाजाही ज्यादा है।
ले रहे गिरोह की शक्ल
समय-समय पर पेट्रोलिंग गाड़ियां निकलती हैं लेकिन भूमिका केवल हूटर बजाने तक ही सीमित रहती है। कभी भी ऐसी गतिविधियों पर कार्यवाही होता नहीं देखा गया, जिन्हें विधि के खिलाफ माना गया है। यही वजह है कि तैयार हो रहे समूहों को गिरोह बनाने के लिए बढ़ावा मिल रहा है।

शुरुआत इससे
पुरानी हो चली है अवैध शराब, क्रिकेट सट्टा, चाकूबाजी। पकड़े जाते अपराधी और पूछताछ की तह में जाने पर चौंकाने वाला खुलासा यह हो रहा है कि बाकायदा चैनल बना हुआ है। किसे कौन सा काम करना है, यह तय है। यही वजह है कि बाइक और मोबाइल चोरी जैसी घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं। सख्त कार्रवाई का नहीं होना, ज्वेलर्स से लाखों की लूट, बैंकों के सामने उठाई गिरी जैसी घटनाओं की बड़ी वजह बन रही है।
वर्जन
आशीष अरोड़ा एसडीओपी भाटापारा
“अभी तक हमारे पास जितने भी असामाजिक तत्वों की जानकारी मिली है उस पर सख्ती से कार्यवाही की जा रही है। किसी भी गैंग को कुचलने में कोई कोताही नहीं बरती जाएगी इस मामले पर मैं स्वयं पैनी नजर बनाए हुए हूं।”
अरुण साहू थाना प्रभारी भाटापारा
“शिकायत पर कार्यवाही की जा रही है गैंग बनने से पहले खत्म करने का प्रयास किया जा रहा है।”