
भू विस्थापित किसानों की धरना प्रदर्शन के एस के महानदी पावर प्रोजेक्ट।
रिपोर्टर राकेश कुमार साहू।जांजगीर चांपा।
अकलतरा–केएसके महानदी पावर प्रोजेक्ट के भू स्थापित किसान धरना प्रदर्शन पर उतारू हो गए हैं उनकी 23 सूत्रीय मांग है उन मांग निम्न है।
सैकड़ो भू स्थापित किसानों को मुआवजा आज तक नहीं मिला है पुनर्वास नीति का पालन आज तक नहीं किया गया है आदिवासी किसानों की भूमि पर प्लांट द्वारा बयान देकर अवैध कब्जा एवं निर्माण किया गया है आदिवासी किसानों की जमीन को बिना स्वीकृति के क्रय किया गया है एवं बाद में स्वीकृत कराया गया है जो किशन 1959 की धारा 170 का का उल्लंघन है जितने लोगों की भूमि कम दर पर करेगी गई है उन्हें छत्तीसगढ़ शासन द्वारा निर्धारित दर के अनुसार शेष राशि का नियमानुसार भुगतान किया जावे उक्त संबंध में सांसद महोदय द्वारा बताया गया कि ऐथेना कंपनी में ऐसा हुआ है जीवन निर्वाह भत्ता अनेक किसानों को नहीं दिया जा रहा है 131 एकड़ की रोकड़ा जलाशय को मिट्टी डालकर भजन स्रोतों को समाप्त कर दिया जिससे नरियाराव रोकड़ा अमोरा नवापारा के कृषकों का सिंचाई प्रभावित हुआ है एवं बहुत जल स्रोत को समाप्त कर दिया गया है इसी तरह से दो पर्ची धारकों को एक परिवार का बताकर नौकरी नहीं दिया जा रहा है जो कि किसानों के अधिकारों का हनन हो रहा है आने को मृतक भू स्थापित परिवारों को ना नौकरी दिया जा रहा है ना ही जीवन निर्वाह भत्ता दिया जा रहा है नरियारा एवं रोकड़ा गेट को बंद कर दिया गया है जिसके कारण आए दिन दुर्घटना हो रहा है एवं ग्राम वासियों को अधिक दूरी तय करना पड़ रहा है केस के महानदी पावर कंपनी के द्वारा शपथ पत्र के अंतर्गत अस्पताल स्कूल कॉलेज एवं औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था का निर्माण होने का समझौता हुआ है जो कि प्लांट द्वारा आज तक नहीं खोला गया है टेंशन धारी भू स्थापित किसानों का तीन माह का पेंशन राशि बकाया है किसानों को जिला को साल का रकम उठाने को कह कर आधी अधूरी रकम दिया गया है एवं उन लोगों को नौकरी नहीं दिया गया है पीढ़ी दर पीढ़ी खेती से जीविका चलाते आ रहे प्लांट द्वारा उसे जमीन को अधिग्रहण कर लिया गया है इसलिए हम किसानों को नौकरी पीढ़ी दर पीढ़ी चाहिए गोदनामा लिए गए ग्रामों के बच्चों को प्लांट द्वारा नौकरी नहीं दिया जा रहा है जो कि उनका मौलिक अधिकारों का हनन है तथा बाहरी लोगों को दलालों के द्वारा नौकरी पर भर्ती किया जा रहा है इस प्लांट से समस्त क्षेत्र वासियों को प्रदूषण एवं गर्मी जैसी तीव्र समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है किसानों को जीवन निर्वाह भत्ता देने के नियम है जो कि प्लांट द्वारा अपने मनमानी तरीके के साथ पेंशन दे रहा है जो कि अधिग्रहण कानून का उल्लंघन हो रहा है गोदनामा ग्रामों को आज तक किसी भी प्रकार का कोई भी सुविधा उपलब्ध नहीं है कंपनी के द्वारा पाइपलाइन के माध्यम से ग्राम झूलन पकरिया झलमला नारियल आदि लगभग 35 ग्रामों से गुजर गया है जिसका मुआवजा प्रभावित किसानों को आज तक नहीं मिला है प्लांट द्वारा टावर लाइन खड़ा किया गया है जिसका मुआवजा भी किसानों को आज तक नहीं दिया है पुनर्वास पुनर्स्थापना पुनर व्यवस्थापन प्लांट प्रबंधन द्वारा नहीं किया गया है पहले एवं दूसरा सहमति पत्र का प्लांट प्रबंधन द्वारा पालन नहीं किया जा रहा है उसका पालन किया जावे प्लांट प्रबंधन द्वारा लोकल ठेकेदारों का पुराना बकाया राशि का भुगतान नहीं किया गया है जिसके कारण उनका व्यवसाय समाप्त हो गया है।
उपरोक्त मांगों को लेकर भूवि स्थापित किसानों के द्वारा धरना प्रदर्शन किया जा रहा है इस संबंध में जानकारी कार्यालय कलेक्टर को अवगत कराया गया है मांगों को लेकर एवं समस्त अधिकारी सांसद विधायक एवं जनप्रतिनिधियों को इस संबंध में ज्ञापन भेजा जा चुका है।
अब देखना यह है कि शासन प्रशासन द्वारा किसानों के प्रति क्या रुख अपनाती है।
हमारे संवाददाता का कहना यह है कि इसी तरह से इस कंपनी में तरह-तरह की मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन किया जाता है मगर शासन प्रशासन द्वारा इनकी शुद्ध लेने वाला कोई नहीं है क्योंकि सब कमीशन खोरी के चक्कर में हैं जिसके चलते मांगों को पूरी नहीं किया जा रहा है जो की न्यायोचित कार्य नहीं है इसलिए कंपनी के सताए गए किसानों द्वारा धरना प्रदर्शन जारी रहता है हमेशा की तरह क्योंकि कंपनी प्रबंधन द्वारा समय सीमा निर्धारित रहती है उसके बावजूद भी मांगों को पूरा नहीं करता इसलिए धरना प्रदर्शन होते रहता है।
यहां तक के की पत्रकारों को भी कंपनी अंदर प्रवेश नहीं दिया जाता कंपनी प्रबंधन द्वारा ऐसा भी कृत्य किया जाता है केवल नेता लोगों का ही सुनता है और उनके इशारे पर कार्यकर्ता है क्योंकि कमीशन उनको देता है किसानों को ध्यान नहीं देता जिसके चलते नाना प्रकार की समस्याएं खड़ी रहती है जिसके कारण धरना प्रदर्शन होते रहता है।