
शिक्षित और समझदार प्रत्याशी की मांग पर मस्तूरी क्षेत्र के जनताओ की आवाज….
मस्तूरी से संजय निषाद
मस्तूरी विधानसभा से लगातार कई वर्षो से नही मिल रहा है क्षेत्र मे विकास करने वाले शिक्षित ईमानदार मिलनसार नेता जो क्षेत्र के बारे मे सोचे और लोगो के हित के बारे मे समझ सके ना की अपने स्वार्थ के लिया सिर्फ दिखावे की जन प्रतिनिधि हो और चुनाव जितने के बाद ये भूल जाते है की आप जनता के लिए बने है न किसी पूजीपति या किसी चाटुकार लोगो के लिए और ऐसे ही स्तिथि मस्तूरी विधानसभा की बनी हुई है इसीलिए मस्तूरी आज इतना पिछड़ा हुआ है। कुछ नेता तो पैसों और ऊपर पहुंच के नाम से मैदान मे है, लेकिन असली नेता तो वो है जो गांव मे खेती की हो गरीब मजदूरों पलायन करने वालो के बिच रहकर उनके दुःख दर्द को समझा हो। सोचो कितना दर्द होता होगा उन लोगो को जो एक उम्मीद से आपको एक वोट नही बल्कि एक भरोसा देता है वो भरोसा जो अपने आने वाले पीढ़ी के अपने बच्चे के भविष्य के लिए होता है। इसका मुख्य कारण शिक्षा है। मस्तूरी क्षेत्र मे पलायन करने वालो की संख्या आए दिन बढ़ती जा रही और नेताओ को लगता है। हम विकास कर रहें है योजना का लाभ मिल रहा है। ऐसे कहने वाले नेता की जरूरत नही मस्तूरी क्षेत्र को, इस क्षेत्र के नेता भी ऐसे है जो जितने के बाद घर विलासपुर मे ऑफिस बिलासपुर मे आप थोड़ा सोचो क्षेत्र के जनता को आपकी मस्तूरी में जरूरत है या विलासपुर मे और नाम मस्तूरी का क्योंकि मस्तूरी के लोग सिर्फ अपना भरोसा देना जानता है नेताओ की तरह धोखा नही। भारत एक स्वतंत्र देश है लेकीन यहां स्वतंत्र कोई नही।