जमीनी स्तर क़े स्वास्थ्य कर्मियों को मिला उच्च जोखिम वाले गर्भवती महिलाओं क़े सुरक्षित प्रसव हेतु प्रशिक्षण……
विशेष पहल क़े तहत जिले में पहली बार कार्यशाला सह प्रशिक्षण का आयोजन
बलौदाबाजार जिले में उच्च जोखिम के अंतर्गत आने वाली गर्भवती महिलाओं के सुरक्षित प्रसव तथा प्रसव से पूर्व एवं पश्चात किए जाने वाले देखभाल को लेकर जिला अस्पताल बलौदाबाजार के सभाकक्ष में आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में पदस्थ सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी तथा ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजकों के प्रशिक्षण बाबत एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजनशनिवार को किया गया।उच्च जोखिम वाले गर्भवती महिलाओं क़े सुरक्षित प्रसव हेतु जमीनी स्तर क़े स्वास्थ्य कर्मियों क़े लिए जिले में पहली बार विशेष पहल क़े तहत यह कार्यशाला सह प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। कार्यशाला का शुभारंभ नगर पालिका अध्यक्ष श्री चित्तावर जायसवाल द्वारा किया गया।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ राजेश कुमार अवस्थी ने बताया कि मातृ मृत्यु दर को रोकने तथा उच्च जोख़िम गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित मातृत्व प्रदान करने बाबत जिले में यह अपनी तरह का पहला प्रशिक्षण कार्यक्रम है जिसमें सात स्त्री रोग विशेषज्ञों ने बारी-बारी से विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा करते हुए प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया ।मातृत्व स्वास्थ्य के नोडल अधिकारी डॉ शशि जायसवाल ने उच्च जोख़िम गर्भावस्था के कुछ लक्षण बताया जैसे अधिक उम्र का होना, छोटा क़द, पहले से ही रक्तस्राव, बच्चों की गलत प्रस्तुति, पूर्व में गंभीर प्रसूति की जानकारी,हृदय रोग संबंधी, उच्च रक्तचाप, मधुमेह, गंभीर एनीमिया ,जुड़वा बच्चे का होना ,लंबी गर्भावस्था, कोई चिकित्सा विकार स्थिति में आने वाली गर्भवती महिलाओं को विशेष देखभाल की आवश्यकता होती है । उन्होंने बताया कि यदि महिला ने अपनी गर्भावस्था के दौरान अपनी पूरी चार बार जांच करवाई है तो महिला के बारे में यह प्रकट हो जाता है कि क्या वह उच्च जोखिम में आएगी ।
कार्यशाला में स्त्री रोग विशेषज्ञों ने सुरक्षित मातृत्व प्रबंधन के संबंध में विविध प्रकार के आवश्यक बिंदुओं की चर्चा करते हुए उन्हें प्रदान की जाने वाली सेवाओं का प्रशिक्षण दिया। इसमें डेमो के माध्यम से भी बताया गया।प्रशिक्षण के दौरान विशेषज्ञों ने बताया कि प्लेसेंटा प्रीविया अर्थात बच्चे जिसमें रहता है वह थैली निचले हिस्से में आ गई है तो वह सर्विक्स को जाम कर देता है जिससे जच्चा- बच्चा दोनों को खतरा रहता है ऐसी स्थिति में सोनोग्राफी अनिवार्य रूप से अगर हो जाए तो इस स्थिति के लिए तैयारी की जा सकती है । ऐसे ही यदि गर्भवती महिला को उच्च रक्त चाप है तो उसे झटके आ सकते हैं और समय से पूर्व प्रसव हो सकता है । महिला को यदि 140/90 से अधिक रक्तचाप है तो निगरानी और दवाई की आवश्यकता होती है। खतरे की एक जटिल स्थिति गर्भावस्था के दौरान तथा प्रसव के समय रक्तस्राव की है । कई बार यह देखा गया है कि,500 मिली से अधिक रक्त प्रसव के समय स्रावित हो जाता है ऐसे प्रकरणों में जान भी जा सकती है। इसके लिए स्त्री रोग विशेषज्ञों ने प्रतिभागियों को बैलून टेंपोनाट का उपयोग करना भी सिखाया, जिसमें रक्तस्राव की स्थिति में इसका प्रयोग कर कुछ समय के लिए रक्तस्राव को रोका जा सकता है ताकि उच्च संस्था में ले जाने बाबत समय मिल सके । इसी प्रकार खून की कमी की स्थिति में यदि महिला का हीमोग्लोबिन 9 ग्राम से कम है तो उसे आयरन सुक्रोज दिया जाता है और यदि यह स्थिति 7 ग्राम से कम है तो उसे रक्त चढ़ाने की आवश्यकता होती है ।
जिला कार्यक्रम प्रबंधक सृष्टि मिश्रा ने बताया कि मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य के अंतर्गत जिले में स्वास्थ्य विभाग द्वारा कई अन्य सुविधाएं भी प्रदान की जा रही हैं जैसे हर महीने की 9 एवं 24 तारीख को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान अंतर्गत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सा अधिकारी गर्भवती माता के स्वास्थ्य की जांच करते हैं।इसके अतिरिक्त मंगलवार शुक्रवार को आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को टीका लगाने के साथ-साथ स्वास्थ्य कार्यकर्ता द्वारा गर्भवती महिला की जांच की जाती है। ऐसे ही स्वास्थ्य केंद्रों में हर मंगलवार को गर्भवती महिला हेतु गर्भावस्था के दौरान कुल चार बार निर्धारित स्वास्थ्य परीक्षण भी किया जाता है । इसके साथ ही संस्थागत प्रसव होने पर ग्रामीण क्षेत्रों में 14 सौ तथा शहरी क्षेत्र में 1 हज़ार की प्रोत्साहन राशि भी प्रदान की जाती है। अस्पताल में भर्ती के दौरान भोजन और दवाओं की भी निःशुल्क व्यवस्था होती है ।
प्रशिक्षण में स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. अनीता वर्मा, डॉ. गीतिका शंकर तिवारी, डॉ.खुशबू बाजपेयी, डॉ. प्रीति बाला, डॉ.स्वाति, डॉ. करुणा यादव,डॉ. ऋतु शिल्प वर्मा, सिविल सर्जन डॉ. अशोक कुमार वर्मा अस्पताल सलाहकार रीना सलूजा,आरएमएनसीएच सलाहकार हर्षलता जायसवाल, नर्सिंग ऑफिसर कुमुदिनी वर्मा सहित अन्य स्टाफ उपस्थित रहे।