लवन

*प्रमोदगुरु बालापीर संस्थान में बीजक बोध (भाग-1) का विमोचन सम्पन्न।*

कसडोल /लवन से ताराचंद कठोत्रे की रिपोर्ट

लवन :-4 सितम्बर को टाँड़िया गुरुजी द्वारा व्याख्यित “बीजक बोध (भाग -1)” का विमोचन एक विशिष्ट समारोह में किया गया । विमोचन समरोह अध्यक्ष, मुख्य अतिथि एवं 16 विशेष अतिथियों तथा कृति के लेखक एवं सम्पादक के संयुक्त कर कमलों से होना था। इसलिए विमोचित होने वाली प्रतियाॅ एक वृहद श्वेत गठरी में अनेक पट्टियों द्वारा बॅधी हुई थी। जिसकी प्रथम गांठ मुख्य अतिथि एवं शेष गांठें क्रमश: विशेष अतिथियों द्वारा खोली गईं। इस गठरी को सर्वप्रथम मानिकपुरी पनिका समाज के युवा पदाधिकारियों द्वारा उठाया गया तापश्चात हर्षोल्लास से गठरी खोलते हुए कृति का विमोचन किया गया। विमोचित कृति की प्रथम प्रति पन्थ हुजूर प्रकाश मुनि नाम साहेब के लिए सुरक्षित करते हुए उसे साहब आसन में रखा गया। साथ ही यह घोषणा हुई कि इसे उपयुक्त माध्यम से पन्थश्री को भेंट की जायेगी।
मनिकपुरी पनिका समाज के तत्वाधान में प्रमोद गुरु बाला पीर धाम में समाज के कर्मठ जुझारू मृदु भाषी मिलन सार समाज सेवी परम् श्रधेय एम डी टांडिया बीजक भाग 1 बड़ी ही सार सुन्दर वर्णन करते हुए अपने लेखांकन से वर्णित किए ।
बीजक कबीर साहेब की मुख्य प्रामाणिक कृतियों में से एक मानी जाती है।इस कृति को कबीर पंथ की पवित्र ग्रन्थ मानी जाती है। मसि कागद छुवों नहीं, कलम गहों नहिं हाथ (साखी १८७) इसको पढ़ कर कितने लोग इस भ्रम में पड़ जाते हैं कि कबीर साहेब ने तो कलम-कागज छुआ ही नहीं। अतः बीजक उनकी रचना नहीं, किन्तु परिवर्तियों की मानते हैं। परन्तु यह धारणा सर्वथा भ्रमपूर्ण है। उन्होंने यदि ‘मसि-कागद’ नहीं छुआ तो मुख से तो जनाया अर्थात आप समय-समय पर बीजक के पद मुख से कहते गये और अपनी प्रिय ग्रंथ का ‘बीजक बोध नाम आप स्वयं रखे हैं, इसी प्रकार ग्यारहों प्रकरणों के नामकरण भी आप ही द्वारा हुए हैं।
इसी कड़ी में एम डी टांडिया (गुरुजी)
सार शब्दो को व्यक्त करते बीजक भाग 1 में अपनी कलम की छाप रखते हुए समाज को आध्यात्मिक चेतन मन
अंतरर्ज्योति शब्द एक नारी , शब्द -आत्मा , ज्ञान मिमांसा , जीव और ईश्वर , ईश्वर अनुभूति , सृष्टि , कबीर मोक्ष धाम ,वेदांत साख्य और कबीर ,योग और कबीर , रमैनी का सार शब्दो से अलंकृत किया गया

कार्यक्रमों का संचालन कृति सम्पादक द्वारा हुआ । इस समारोह में उद्बोधन के क्रम के दौरान लेखक का शाल श्रीफल से सम्मान किया गया ।
समारोह की अध्यक्षता मानिकपुरी पनिका समाज छत्तीसगढ के अध्यक्ष ओमप्रकाश मानिकपुरी ने की एवं प्रोफेसर डॉ फूलदास महन्त के मुख्य आतिथि थे ।
इस समारोह में विशेष अतिथि के रूप में डॉ देवधर महन्त (झरना ), महन्त गिरधारी दास (कोड़वा), महन्त फिरतू दास (कोरबा), महन्त अन्तराम साहू (भिलाई ),
गुरु चरण दास मानिकपुरी (भाटापारा), ।(महासचिव )प्रकाश दास मानिकपुरी
डॉ राजेन्द्र प्रसाद देवांगन एवं वन्दना देवांगन (भिलाई), पालक चक्रवती एवं तन्द्रा चक्रवर्ती(भिलाई), सत्य प्रकाश मानिकपुरी एवं प्रशान्त मानिकपुरी(गरियाबन्द ) महन्त तारण दास जी ( कसडोल), अंजोर दास मानिकपुरी ( राजनांदगांव), किरण मानिकपुरी , मोती दास मानिकपुरी एवं कपिल दास मानिकपुरी (रायपुर),
मनोज मानिकपुरी ( प्रवक्तता)
मोती दास मानिकपुरी (कसडोल)
आई डी मानिकपुरी (रायपुर)
मुकुंद दास
महिला प्रकोष्ठ संगठन प्रभारी किरण मानिकपुरी
उपस्थित हुए ।
प्रमोद गुरु बालापीर संस्थान के बोधीदास मानिकपुरी, जिवराखन दास मानिकपुरी (रायपुर) एवं युवा प्रकोष्ठ अध्यक्ष गुलाब दास दीवान , सचिव शीलवर्धन टॉडिया ,लोकेश्वर मानिकपुरी , डॉ पुरुषोत्तम , ने स्वागत कार्यक्रमों में भागीदारी दी ।
मुक्तेश मानिकपुरी, बोधिदास मानिकपुरी ,नूतन मानिकपुरी, लेखन मानिकपुरी , गौकरण मानिकपुरी,
बसंत दास ईश्वर दास ,सुखदेव दास,कृष्णा कौशल दास ,रिखु दास समल दास , निर्मल दास ,कुशल दास कोमल दास,तामेश्वर दास ,गोपाल दास
इसी कड़ी में भारी संख्या समाजिक जन उपस्थित रहे ।
मानिकपुरी पनिका समाज छ्ग के प्रवक्ता मनोज मानिकपुरी द्वारा आभार ज्ञापित किया गया ।
समारोह आरम्भ के पूर्व भोजन प्रसाद एवं समापन पूर्व स्वल्पाहार की व्यवस्था की गई थी। विमोचन पश्चात समारोह स्थल पर कृति विक्रय के लिए भी उपलब्ध थी।

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