कोरबा

छत्तीसगढ़ शासन के मद की राशि को सरपंच और सचिव ने किया मिलकर भ्रष्टाचार

राकेश कुमार साहू

स्कूल, सड़क, नल,नाली, शौचालय निर्माण अन्य के नाम पर किया लाखों–करोड़ों रुपयों की हेराफेरी*

गांव घुंचापुर,लालपुर,सखोदा अन्य ग्राम में विकास के नाम पर डकार गए लाखों–करोड़ों रुपए, मैदानी स्तर पर एक भी कार्य नहीं, सिर्फ कागजी पन्नों में हुआ निर्माण का कार्य

कवरेज रिपोर्टिंग दौरान सरपंच–सचिव दे रहे गोलमोल जवाब, जांच होने पर खुल जाएंगे भ्रष्टाचार के सारे राज…

कोरबा:-जिला कोरबा के थाना पसान, चौकी कोरबी क्षेत्र अंतर्गत ग्राम घुंचापुर, सखोदा, लालपुर व अन्य ग्राम से जुड़े सचिव और सरपंच ने मिलकर संबंधित ग्राम के विकास कार्य के नाम पर छत्तीसगढ़ शासन के मद राशि का हेराफेरी करते हुए भारी भरकम भ्रष्टाचार किया है। जानकारी मिली है कि लाखों करोड़ों रुपए का आहरण करते हुए मैदानी स्तर पर किसी भी प्रकार की कोई निर्माण कार्य नहीं की गई है। शासन, प्रशासन को गुमराह करते हुए मद राशियों का दुरुपयोग कर विकास और निर्माण के नाम पर संबंधित मदरसियों जिम्मेदार व्यक्तियों ने घुंचापुर,सखोदा ग्राम का विनाश किया गया है।

लाखों करोड़ों रुपए की हुई धांधली, शिकायत कोरबा कलेक्टर के पास पहुंची

बता दें कि पिछले 5 वर्षों से सरपंच, सचिव ने मिलकर संबंधित ग्राम में किसी भी प्रकार का कोई निर्माण कार्य नहीं कराया है जिसकी शिकायत ग्रामीणों ने दिनांक 27.05.2024 को जिला कोरबा कलेक्टर से की गई है।

जानकारी मिलने पर कवरेज रिपोर्टिंग की गई, इस दौरान संबंधित क्षेत्र में निर्माण कार्य नहीं किए गए हैं। ग्राम घुंचापुर बस्ती में सन 2022– 2023 में नाली निर्माण होना था परंतु नाली निर्माण तो दूर नाली बनाने की खुदाई तक नहीं की गई और 8,00000 रुपयों का आहरण कर लिया गया। खालपारा से लेकर अशरफ घर तक सड़क निर्माण करना था परंतु कागजी पन्नों में खानापूर्ति करते हुए 2,51,260 का राशि आहरण किया गया है। ग्राम घुंचापुर स्कूल से मेन रोड तक सीसी रोड बनना था 1,59,160 रुपए निकाला गया। इसी प्रकार सार्वजनिक साफ–सफाई और शौचालय निर्माण के लिए एक लाख रुपए का आहरण किया गया। विकास और निर्माण कार्य करने के नाम पर छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा दिए जाने वाली मद राशि का दुरुपयोग करते हुए पिछले 5 सालों से सरपंच, सचिव ने मिलकर लाखों रुपयों का आहरण करते हुए सिर्फ कागजी पन्नों में ही निर्माण कार्य किया है। जानकारी मिली है कि इससे पहले सरपंच की पत्नी सरपंच के पद पर संबंधित ग्राम में पदस्थ थी। उस समय भी किसी भी प्रकार की कोई निर्माण कार्य नहीं की गई। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार संबंधित व्यक्तियों के ऊपर कार्यवाही व जांच होती है तो करोड़ों रुपए के घोटाला होने की संकेत दी जा रही है।

*सड़क निर्माण के नाम पर ग्राम सखोदा में 19 लाख रुपए का गबन, सड़क निर्माण कार्य में की गई लीपापोती..*

थाना पसान, चौकी कोरबी अंतर्गत ग्राम सखोदा के सी सी रोड निर्माण कार्य में भी लीपापोती की गई है। घटिया क्वालिटी के मिट्टी, गिट्टी, बालू,मुरूम और सीमेंट का मिश्रण करके सड़क निर्माण कराया गया है। लगभग डेढ़ साल पहले सड़क निर्माण किया गया था, घटिया खनिज पदार्थ के मिश्रण से बनी सड़क पूरी तरह से जर्जर है। सीमेंट की मात्रा अत्यधिक कम होने के कारण गिट्टी और बालू निकलने से सड़क टूटती नजर आ रही है। जगह-जगह पर गिट्टी और बालू सड़क निर्माण के नाम पर डंप कर दी गई है। इसी प्रकार महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम छत्तीसगढ़ के तहत ग्राम पंचायत घूंचापुर विकासखंड पोड़ी उपरोड़ा के ग्राम सखोदा सी सी रोड के अगल बगल गिट्टी और बालू को फेंक दिया गया है, रिटर्निंग वॉल के कार्य में सिर्फ खानापूर्ति किया गया है। जिसकी स्वीकृति राशि 19 लाख रुपए नागरिक सूचना पटल में दर्शित है। रिटर्निंग वॉल पूरी तरह से जर्जर है। रिटर्निंग वॉल को लाठी डंडे या जूते से घसीटने पर जर्जर रिटर्निंगवॉल निर्माण के लिए उपयोग लाए जाने वाले गिट्टी–बालू बाहर उभर जा रहे हैं। जांच–पड़ताल करने पर साफ प्रतीत हो रहा है कि बड़े पैमाने पर मद राशि का दुरुपयोग कर सड़क निर्माण तथा रिटर्निंग वाल निर्माण को लेकर भारी भरकम भ्रष्टाचार किया गया है। इसी प्रकार ग्राम सखोदा में पीने योग्य जल की बहुत किल्लत है। ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें पीने योग्य पानी के लिए 1 किलो मीटर दूर जल लेने जाना होता है। एक ही बोर को खुदवाने के नाम पर 4 बार मद राशि का आहरण निकाला गया है

लगभग ढाई लाख की स्वीकृति राशि को डकार लिया गया। गांव के ग्रामीण उसी बोर का उपयोग कर रहे हैं। लगभग 5 घंटे में एक घड़ा पानी से भरता है। ग्रामवासी पानी के लिए त्राहिमाम हो रहे हैं। बिजली, पानी,आवास , स्कूल से वंचित है बच्चों के लिए बनाई गई स्कूल पूरी तरह से जर्जर हो गया है स्कूल में जानवरों का वास है स्कूल की छत टूट गई है बच्चों के बैठने की योग्य नहीं रही है। बच्चों की शिक्षा दीक्षा व भविष्य अंधकार की ओर है। सरपंच, सचिव ने स्कूल के मद राशि का भी आहरण कर स्कूल निर्माण नहीं कराया। स्कूल व आंगनबाड़ी के कार्यकर्ता गांव के छोटे-छोटे बच्चों को एक स्थित घर पर ही पढ़ा रही है। शासन के द्वारा दिए जाने वाले लाभ को सरपंच रति मिंज और सचिव हसन खान ग्रामीण तक नहीं पहुंचा रहे हैं। उन्हें सड़क, नल, जल, स्कूल,आंगनबाड़ी, शिक्षा दीक्षा और दूर दूर कोई स्वास्थ्य केंद्र नही है अन्य तमाम शासन के द्वारा दिए जाने वाले लाभ से वंचित रखा गया है। मानो ऐसा प्रतीत होता है कि ग्राम वासियों के ऊपर दुखों का पहाड़ है। वे शासन और जिला प्रशासन से आस लगाए हुए बैठे हैं कि भ्रष्टाचारियों के विरुद्ध कार्यवाही करें। जिससे आने वाले समय में संबंधित ग्राम में कोई भी सरपंच,सचिव के पद पर पदस्थ होते हैं तो इस प्रकार की घटना दोबारा संबंधित ग्राम में घटित ना हो। अब देखने वाली बात यह होगी कि जिला प्रशासन इस मामले पर क्या कार्रवाई करती है, और संबंधित ग्राम में क्या-क्या सुविधा मुहैया करवाती है? जानने वाली बात होगी ।

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