*तालाब में हजारों मछलियों के मरने से फैला बीमारियों का
खतरा*
कसडोल/लवन से ताराचंद कठोत्रे की रिपोर्ट
लवन :- जिला मुख्यालय से महज 14 किलोमीटर दूर मेन रोड पर स्थित आदर्श ग्राम पंचायत मुंडा के बस्ती पारा अमहा तालाब में पिछले दो-तीन दिनों से एकाएक मछली मरने का सिलसिला जारी है। किंतु 19 मार्च की सुबह से ही बड़ी मात्रा में तालाब के चारों ओर मरी हुई मछलियां तैरती रही। तालाब में मछलियों के अचानक मरने से संक्रामक बीमारियों के फैलने का खतरा मंडराने लगा है। वही तालाब में मछली मरने की जानकारी ग्रामीणों के द्वारा लीज पर लिए गए गांव के ही ठेकेदार को दी गई किंतु उनके द्वारा मरी हुई मछलियों को निकालना तो दूर तालाब के पास जाना भी मुनासिब नहीं समझा गया। बड़ी मात्रा में मछलियो के मरने से तालाब के चारों ओर असहनीय बदबू से लोग परेशान हैं। ग्रामीणों के द्वारा मछली मरने का असली वजह लगातार जाल गिराने से पानी के प्रदूषित होना बताया गया विदित हो कि बस्ती पारा अमहा तालाब को पूर्व सरपंच थानु राम वर्मा के कार्यकाल में गांव के ही मोहित फेकर के नाम से लीज पर लिया गया है। किंतु तालाब में मछली के छोटे बच्चे डालने से लेकर मछली मारने का कार्य उनके बड़े भाई रोहित फेकर के द्वारा किया जाता है। जिनके द्वारा पंचायत में बनाए गए नियमों को दरकिनार कर मनमानी पूर्वक कार्य करते हुए कभी भी तालाब में जाल गिरा देते हैं। लगातार जाल गिरा देने से पानी गंदा हो रहे हैं। पंच प्रवीण पांडे महेश्वर रजक दिलीप वर्मा व अन्य ग्रामीणों ने बताया कि चार-पांच दिन पहले ही तालाब में जाल गिराया था। पानी के गंदा होने से संभवत मछली के मरने का कारण हो सकता है। फिलहाल पिछले दो-तीन दिनों से तालाब में मछलियों के मरने का सिलसिला जारी है। तालाब किनारे मरी हुई मछलियों का ढेर लगने के कारण आसपास बदबू उठने लगी है और लोगों में संक्रामक बीमारियों के फैलने का खतरा मंडरा रहा है। मरी हुई मछलियों के बदबू ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है।
अमहा तालाब के समीप है प्राथमिक स्कूल यहां यह बताना भी लाजिमी हो कि अमहा तालाब के पास ही शासकीय प्राथमिक स्कूल संचालित होते हैं जिसमें छोटे छोटे बच्चे पढ़ने आते हैं। तालाब में मरी हुई मछलियों के कारण बदबू फैल रही है। ग्रामीणों को आशंका है अगर शीघ्र ही मरी हुई मछलियों को तालाब से बाहर नहीं निकाला गया तो गांव में बीमारी फैलने के साथ-साथ छोटे-छोटे बच्चों में संक्रामक बीमारी फैलने का खतरा बना हुआ है।
पिछले वर्ष ही तालाब का हुआ था सफाई ग्रामवासियों की मांग पर ग्राम पंचायत द्वारा 15 वे वित से लाखो रुपए खर्च कर अमहा तालाब के गंदे हो चुके पानी को बाहर निकाल कर जेसीबी मशीन लगाकर तालाब के अंदर से मिट्टी को निकाला गया था। इस संबंध में सरपंच सुमित्रा संतोष वर्मा ने कहा कि तालाब में मरी हुई मछलियों को बाहर निकालने और साफ सफाई पर विशेष ध्यान देने ठेकेदार को बोला गया है। ग्राम पंचायत के नियमों का पालन नहीं किया गया तो लीज पर दिए गए पट्टा को निरस्त किया जाएगा।