लवन

1 अप्रैल से राशन दुकानों में मिलेगा फोर्टिफाइड चावल

कसडोल/लवन से ताराचंद कठोत्रे की रिपोर्ट

2 लाख 92 हजार से अधिक बीपीएल राशनकार्डधारी होंगे लाभांवित

लवन :-बलौदाबाजार, 29 मार्च 2023/ पूरे प्रदेश सहित बलौदाबाजार -भाटापारा जिले के 565 राशन दुकानों में एक अप्रैल से फोर्टिफाइड चावल राशन कार्डधारियों को मिलना शुरू हो जाएगा। इसके लिए खाद्य विभाग ने आगामी दो महीने का चावल का आवंटन भी जारी कर दिया है। जिला खाद्य अधिकारी विमल दुबे ने बताया की फोर्टिफाइड चावल में 100:1 के तय अनुपात में मिलाया जाता है। यानी सामान्य 100 दाने चावल में फोर्टिफाईड चावल का एक दाना मिलाया जाता है। इस मात्रा के अनुसार ही राशन दुकानों में आने वाले 50 किलो चावल से भरी बोरी में फोर्टिफाईड चावल भी मिला रहेगा, जिससे हितग्राहियों को इसका लाभ मिलेगा। विटामिन और मिनरल जैसे पोषक तत्वों से भरपूर फोर्टिफाइड चावल ना केवल कुपोषण दूर करेगा बल्कि इससे लोगों के स्वास्थ्य को भी लाभ मिलेगा। इससे पहले फोर्टिफाइड चावल प्राथमिक और माध्यमिक शासकीय स्कूलों और आंगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चों को मध्याह्न भोजन के रूप में दिया जाता था। सामान्य चावल को फोर्टिफाईड चावल बनाने के लिए पहले सामान्य चावल को पाउडर बनाया जाता है। उसमें सूक्ष्म पोषक तत्व मिलाकर उसे फिर चावल का रूप दिया जाता है। फोर्टिफाईड चावल वितरण से जिलें के कुल 2 लाख 92 हजार 774 बीपीएल राशनकार्ड धारी लाभांवित होंगे। गौरतलब है कि जिलें में कुल 3 लाख 23 हजार 824 राशनकार्ड बना हुआ है। जिसमें 31 हजार 050 एपीएल राशनकार्डधारी को फोर्टिफाईड चावल नही मिलेगा।

क्या है फोर्टिफाईड चावल
डब्लूएचओ के मुताबिक फूड फोर्टिफिकेशन एक टेक्नालाजी के माध्यम खाने में विटामिन और मिनरल के स्तर बढ़ाना है। इसमें आयरन, फोलिक एसिड और विटामिन बी 12 पोषक तत्व माइक्रोन्युट्रिएंट्स मिलाया जाता है। पोषक तत्वों की कमी दूर होने के साथ स्वास्थ्य को भी लाभ मिलता है। सामान्य चावल में पोषक तत्व जरूर हैं, लेकिन चावल की मिलिंग और के समय फैट और सूक्ष्म पोषक से भरपूर चोकर की परतें हट जाती है। चावल की पालिस करने से 75 से 90 प्रतिशत विटामिन भी निकल जाते है। जिसकी वजह से चावल के अपने पोषक तत्व कम हो जाते है। ऐसे में फोर्टिफाईड राइस मिलाकर सामान्य चावल को पोष्टिक किया जाता है। फोर्टिफाईड चावल राशन दुकानों में वितरित करनें के अलावा प्राथमिक और माध्यमिक शासकीय स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को मध्यान्ह भोजन के रूप में दिया जाता है।

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