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जिम्मेदार हुए लाचार , नव पुलिस अधीक्षक से है उम्मीद , आबकारी विभाग की कार्यशैली सर्वविदित।

रायगढ़ जिला ब्यूरो चीफ राजू यादव की रिपोर्ट

पूंजीपथरा इंडस्ट्रियल एरिया के महुआ चौक क्षेत्र में खुलेआम धड़ल्ले से बेची जाती हैं देशी- विदेशी महुवा शराब

रायगढ़:- रायगढ़ जिले बीते दो दशकों के दौरान बढ़ते औद्योगिकीकरण के कारण अब औद्योगिक हब के नाम से भी जाना जाता है जिले में बढ़ते औद्योगिकीकरण से अन्य प्रांतों के लोगों की आजा ही बड़ी है। औद्योगिकीकरण के साथ-साथ रायगढ़ में प्रदूषण दुर्घटनाओं के साथ साथ अपराधों का ग्राफ भी बढ़ गया है। जुआ, सट्टा, शराब जैसे सामाजिक बुराइयां अंकुश लगाने में शासन-प्रशासन छिटपुट कार्यवाही करती रही है किंतु इन सामाजिक बुराइयों को समाज से जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए पुलिस और प्रशासन ही पर्याप्त नहीं है सामाजिक कार्यकर्ताओं सहित जनप्रतिनिधियों को भी इसको आगे आया होगा मगर कई बार देखने को यह मिलता है कि सामाजिक बुराइयों को अंजाम देने वाले अपराधी के पक्ष में ही कथित नेता और जनप्रतिनिधि पुलिस के सामने बचाव के लिए आ जाते हैं! ऐसे में समाज के लिए नासूर बन चुके युवा सट्टा शराब जैसी सामाजिक बुराई को पुलिस और प्रशासन के भरोसे समूल नष्ट करने की मनसा रखना बेमानी साबित होगी।

जिला मुख्यालय से महज 25 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत समरूमा का आश्रित ग्राम पूंजीपथरा है जहां आज लगभग 50 से भी अधिक कंपनियां संचालित है जिसमे लाखों की संख्या में आज कार्य करने वाले वर्करों का रहना बसना पूंजीपथरा क्षेत्र में होता है।औद्योगिक हब की वजह से क्षेत्र में आज बहुत बड़ा मार्केट भी लगता है। उसी का फायदा उठाते हुए कुछ वहां के स्थानीय लोग अपने दबंगई से खुलेआम देसी महुआ एवं अंग्रेजी शराब का व्यापार कर फल फूल रहे हैं और शराब भट्टी की दूरी अधिक होने की वजह से शराब प्रेमी दुगने कीमत पर इनसे शराब लेते हैं। लेकिन वहां का गंदा माहौल को देखकर वहां के स्थानीय महिलाएं एवं पुरुष कई बार लिखित शिकायत पूंजीपथरा थाना में भी कर चुके हैं। लेकिन आज तक कोई कार्रवाई उनको नजर नहीं आई और आज भी पूंजीपथरा महुआ चौक पर खुलेआम देशी विदेशी मदिरा का बड़ा मार्केट सुबह-शाम लगता है। और वहां पर जगह-जगह कांच के टुकड़े एवं डिस्पोजल पानी का बॉटल इधर-उधर बिखरे हुए गंदगी बहुत ही अधिक मात्रा में हो रहा है जिससे वहां के स्थानीय लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है और तो और वहां जगह जगह रोड पर बैठकर पीते हैं जिसके कारण आने जाने वाले राहगीरों को भी बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता है यूं तो आज क्षेत्र में इतना सारा इंडस्ट्रियल कंपनी खुलने के बाद पर्यावरण तो ऐसे ही दूषित हो ही रहा है और ऊपर से चोरी छुपे देशी विदेशी मदिरा बेचने वालों के कारण जगह-जगह गंदगी भी फैल रहा है, वहां के स्थानीय लोगों का यह भी कहना है कि आज तक दारू बेचने वालों के ऊपर कभी भी कोई कार्यवाही होती नजर नहीं आती है।।

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