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श्याम फूड प्रोडक्ट अंजनी पर बिजली चोरी का आरोप निराधार,,,राइस मिलर 50% बिजली बिल भुगतान करके कर रहे थे मिल का संचालन……

ब्यूरो रिपोर्ट शिखर एक्सप्रेस न्यूज़

गौरेला पेंड्रा मरवाही राईस मिलर्स श्याम फूड प्रोडक्ट अंजनी पर लाखो का बिजली बिल बकाया होने का जो आरोप लगा था जो निराधार साबित हुआ । हाईकोर्ट बिलासपुर मे याचिकाकर्ता के वकील का कहना हैं कि ग्राम अंजनी पेंड्रा रोड जिला गौरेला पेंड्रा मरवाही के औद्योगिक क्षेत्र में एक चावल की राइस मिल चल रहा है उन्होंने दलील दी कि चावल की राइस मिल कई वर्षों से चल रहा है। याचिकाकर्ता के पक्ष में 28/12/2020 को नया बिजली कनेक्शन जारी किया गया। उत्तरदाताओं ने बिजली मीटर की निरीक्षण किया और पाया कि बिजली की खपत कम है और शुरू में माना गया कि मीटर में छेड़छाड़ की गई थी।रिपोर्ट तैयार कर 29,97,910 रूपए जारी किया गया फिर याचिकाकर्ता के द्वारा जिला विद्युत उपभोक्ता फोरम बिलासपुर के समक्ष कार्यवाही में प्रतिवादियों आदेश को चुनौती दी गई। उपभोक्ता ने दलील दी गई कि बिजली मीटर में छेड़छाड़ नहीं पाई गई उचित खपत नहीं दिखाई गई और तदनुसार फोरम ने औसत खपत के आधार पर अन्य चावल मिलों के बिजली बिलों को मांगने के बाद बिल को 25 रुपए तक कम कर दिया गया और फिर याचिकाकर्ता ने 10 लाख रुपए जमा कर दिए हैं बिलासपुर में फोरम के निर्णय से व्यवस्थित याचिकाकर्ता विद्युत लोकपाल के समक्ष अपील की और अपील खारिज कर दि गई। याचिकाकर्ता ने वर्तमान मासिक विद्युत बिलो का नियमित रूप से भुगतान किया जा रहा है हालांकि दिनांक 12/06/2023 के आदेश पारित होने के बाद उत्तरदाताओं ने 23/06/2023 को बिजली की आपूर्ति बंद कर दी गई उनका कहना है कि चुकि प्रतिवादियों का मामला यह है कि बिजली मीटर में कोई छेड़छाड़ नहीं हुई है इसलिए यदि बिजली मीटर कम खपत दिखा रहा है तो याचिकाकर्ता को उत्तरदाई नहीं ठहराया जा सकता है। उनका कहना है कि जब तक उत्तरदाता रिट याचिका पर अपना जवाब प्रस्तुत नहीं करते तब तक उन्हें याचिकाकर्ता का बिजली कनेक्शन का निर्देश दिया जाए प्रतिवादियों के विद्वान वकील का कहना है की याचिकाकर्ता द्वारा 15 लाख रूपए कि शेष राशि जमा नहीं कि गई हैं इसलिए बिजली आपूर्ति इसलिए बिजली बंद करने का आदेश दिया गया था जिसे मनमानी नहीं कहा जा सकता है। याचिकाकर्ता के वकील का कहना है कि रिकॉर्ड रखे हुए दस्तावेज का भी उपयोग किया गया है यद्यपि याचिकाकर्ता के वकील का कहना है याचिकाकर्ता नियमित रूप से बिजली के मासिक बिल का भुगतान कर रहा था लेकिन फोरम द्वारा की गई औसत गणना की एकमुश्त राशि का हिस्सा जमा न करने के कारण ही कनेक्शन काटा गया है जिस पर अभी जिस पर अभी फैसला सुनाया जाना है और इसलिए निर्देश दिया जाता हैं कि याचिकाकर्ता के द्वारा उत्तरदाताओं के पास 5 लाख रूपए जमा करने पर उत्तरदाता याचिकाकर्ता का बिजली कनेक्शन तुरंत बहाल कर देंगे याचिकाकर्ता रिट याचिका पर निर्णय होने तक मासिक बिजली बिल नियमित रूप से जमा करता रहेगा।

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