
एक के बाद एक हो रही हाथियों की मौत से वन विभाग में मचा हड़कंप……
रायगढ़ से राजू यादव
धरमजयगढ़:-धर्मजयगढ़ वन मंडल के अंतर्गत मेडरमार के गांव में बीते रात एक नर हाथी की मौत की खबर सामने आ रही है बताया जा रहा है कि किसी किसान के द्वारा अपने फसल की सुरक्षा के लिए लगाए गए फेंसिंग तार के चपेट में आने से इसकी मौत हुई है वही पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही सही मौत का कारण पता चल पाएगा स्थानीय विद्युत विभाग की टीम सघन जांच अभियान में लगी हुई है मगर एक के बाद एक हो रही हाथियों की मौत वन विभाग के माथे में एक चिंता की लकीर खींच दी है बीते लगभग डेढ़ से 2 वर्षों के अंतराल में 7 से 8 हाथियों की मौत विभाग के लिए चिंता की कारण बनी है शासन के द्वारा हाथी प्रभावित क्षेत्र के लिए दिए जा रहे भारी भरकम राशियों के बाद भी इस पर अंकुश नहीं लगाया जा सका है वही अपने दाने के लिए अपने चारे के लिए हाथियों का समूह जंगल को छोड़ कभी-कभी शहर की गांव की तरफ आ रहे हैं किसानों के द्वारा लगाए गए फसल को भी बर्बाद कर रहे हैं जिसकी वजह से उनकी मौत भी हो रही है ।

वन विभाग द्वारा इस पर अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही यही कारण है कि एक के बाद एक हाथियों की निरंतर मौत हो रही है हाथियों की मौत को लेकर के कई हाथी प्रेमियों ने सवाल या निशान भी लगाए हैं उनका कहना है कि जब शासन द्वारा हाथी प्रभावित क्षेत्रों में कितने भारी भरकम राशि आवंटित की जा रही है तो वह कारगर क्यों साबित नहीं हो रही ड्रोन कैमरा से सतत निगरानी, हाथी ट्रैकिंग सिस्टम, हाथी मित्र दल, जैसे कई टीम कार्य कर रही हैं मगर उसके बाद भी हाथियों की निरंतर मौत वन मंडल धरमजयगढ़ पर एक सवाल या निशान पैदा करती दिख रही है।

वर्जन वन मंडल अधिकारी अभिषेक जोगावत धर्मजयगढ़ वही वन मंडल अधिकारी ने बताया कि दो हाथियों के समूह में से एक हाथी की मौत राजस्व जमीन में किसान के खेत में हुई है वहीं प्रथम दृष्टि या मौत का कारण किसान द्वारा लगाए गए फसल सुरक्षा के लिए फेसिंग तार का होना बताया वही आगे की जांच कार्यवाही की बात कही जांच उपरांत की जाएगी कठोर कार्रवाई
वर्जन A.E. विद्युत विभाग धर्मजयगढ़ ने बताया कि इस विषय वस्तु पर अभी जांच चल रही है जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे तब इसकी पुष्टि की जाएगी वहीं करंट की चपेट में हुई अन्य हाथियों के मौत विषय में बताया कि उनकी भी पूरी टीम अवैध कनेक्शन पर पूरी कार्रवाई करती है वह सतत निगरानी रखती है यदि ऐसा कहीं पाया जाता है तो मामला न्यायालय में भी प्रस्तुत कर उचित और कठोर कार्रवाई की जाती है