पार्षद निधि में हुये गोलमाल को लेकर घरघोड़ा सीएमओ को आरोप पत्र जारी
नगरीय प्रशासन विभाग ने मांगा एक माह में जवाब
जिला ब्यूरो रिपोर्ट रायगढ़/घरघोड़ा- घरघोड़ा नगर पंचायत में पार्षदनिधि में शासन द्वारा निर्धारित विन्दुओ से हट कर क्रय किये गये सामग्रियों को लेकर विधायक रजनीश सिंह द्वारा विधानसभा में लगाये गये अतरांकित प्रश्न में विभाग द्वारा यह स्वीकार किया गया था कि पार्षद निधि में नियम विपरीत क्रय किये गये जल प्रदाय,कुर्सी,ऐसी जैसे सामग्रियों के लिये तत्कालीन मुख्य नगर पालिका अधिकारी के विरुद्ध जांच की जावेगी पार्षद निधि में लगभग 20 लाख रुपये से अधिक की सामग्रियों की खरीदी सीएमओ सुमित मेहता द्वारा कर ली गयी थी जिस पर आरोप प्रमाणित होने पर नगरीय प्रशासन एवं विकास के अवर सचिव द्वारा अपने पत्र दिनांक 08-08-2023 को प्रेषित कर 30 दिवस के भीतर जवाब देने के निर्देश जारी किया गया था पर दुर्भगय जनक स्थिति है कि दो माह बीतने को है नगर पंचायत सीएमओ के विरुद्ध कोई भी कार्यवाही नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा आज पर्यंत तक नही की गयी है ऐसे में विभाग के ऊपर सवाल उठना लाजमी है कि आखिर आरोप प्रमाणित होने के पश्चात भी विभाग कार्यवाही को लेकर मौन क्यो है।
जिसने की गड़बड़ी उसे वही कर दिया पदस्थ
इस मामले में मजेदार पहलू यह है कि सीएमओ सुमित मेहता का स्थान्तरण घरघोड़ा से रमानुगंज प्रभारी नगर पालिका अधिकारी के रूप में हो गया था उसी दौरान विधानसभा के मानसून सत्र में पार्षदनिधि से क्रय का मामला विधानसभा में गूंजा ओर विभागीय मंत्री शिव डहरिया ने जवाब में उक्त अवधि में पदस्थ सीएमओ के विरुद्ध जांच की बात लिखित में जवाब दिया था विभाग द्वारा जांच प्रारम्भ होती उससे पहले ही सीएमओ सुमित मेहता को पुनः घरघोड़ा नगर पंचायत में ही पदस्थ किया जाना कई सवालों को खड़ा करता है कि आखिर जिसके खिलाफ भस्टाचार का मामला प्रमाणित हुआ है उसे ही पुनः वही पदस्थापना कही ना कही भस्टाचार को संरक्षण देने की मंशा को दिखाता है ऐसे में निष्पक्ष कार्यवाही का होना सम्भव ही नजर नही आता है।
अब देखना होगा कि इस मामले को लेकर नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग क्या कार्यवाही करता है या शासन के नियमो को धत्ता बताने वाले अधिकारी को संरक्षण देता है।