भाटापारा

*काटे जाएंगे हरे-भरे वृक्ष*

भाटापारा से मो शमीम खान

नाराज हैं पर्यावरण प्रेमी

भाटापारा- काटे जाएंगे छह हरे-भरे वृक्ष। यह इसलिए क्योंकि स्टेशन सौंदर्यीकरण की राह में बाधा बन रहे हैं। एवज में कहां रोपण की योजना है ? इसकी जानकारी दिया जाना उचित नहीं मान रहा रेल प्रशासन। लिहाजा पर्यावरण प्रेमियों में गहरी नाराजगी देखी जा रही है।

भाटापारा :- मुंबई-हावड़ा रेल मार्ग का मुख्य कारोबारी स्टेशन। यात्री सुविधा में इजाफा की योजनाओं में इसका भी नाम है। ऐसे में सौंदर्यीकरण का काम अब गति पकड़ता नजर आ रहा है। शुरुआत एस्केलेटर से हो चुकी है। इसके संचालन में आने के बाद, अब पार्किंग एरिया में निर्माण का काम चालू हो चला है। ऐसे में बरसों पुराने वृक्ष काटे जाने की तैयारी रेल प्रशासन ने शुरू कर दी है।

किया चिन्हाकित

पार्किंग एरिया में जिन वृक्षों को काटा जाना है उनका चिन्हांकन किया जा चुका है। घनी छांव और शुद्ध वायु देने वाले यह वृक्ष पीपल, बरगद, करंज, बादाम और गश्ती जैसे बहुमूल्य प्रजाति के हैं। पौधारोपण की हर बरस चलने वाली कार्य योजना में इनका रोपण प्राथमिकता के साथ होता है क्योंकि इन्हें दीर्घ आयु वाला माना जाता है।

छिपा रहे जानकारी

वन नियमों के अनुसार बहुमूल्य प्रजाति के वृक्षों की कटाई के पहले वन विभाग की अनुमति आवश्यक है। काटे जाने वाले वृक्ष की प्रजाति और संख्या का बताया जाना अनिवार्य है। इतना ही नहीं, काटे जाने वाले प्रति वृक्ष की एवज में 100 गुना पौधारोपण करने के भी नियम है लेकिन इन सभी को लेकर रेल प्रशासन ने मौन साध रखा है।पर्यावरण प्रेमियों में नाराजगी

पर्यावरण प्रेमियों में नाराजगी

रेल प्रशासन जिस शैली में कार्य कर रहा है, उसे लेकर पर्यावरण प्रेमियों में गहरी नाराजगी देखी जा रही है। वजह यह है कि संतोषजनक जवाब देने से हर जिम्मेदार अधिकारी दूरी बना रहा है। मालूम हो कि पूर्व में भी तीसरी रेल लाइन बनाने के दौरान भी रेल प्रशासन ने ऐसा ही रवैया बनाए रखा था। नाराजगी तब भी देखी गई थी।

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