
राज्य में महिला मुख्यमंत्री की तैयारी जारी है।
अकलतरा से रिपोर्टर राकेश कुमार साहू
रायपुर–छत्तीसगढ़ राज्य के विधानसभा चुनाव संपन्न होने के पश्चात महिला मुख्यमंत्री की तैयारी जारी है इसी कड़ी के अंतर्गत छत्तीसगढ़ राज्य विधानसभा में महिला प्रत्याशी चुनाव जीत कर आई है जिनका नाम है रेणुका सिंह।
रेणुका सिंह फिलहाल भारत सरकार के अंतर्गत केंद्रीय मंत्री के पद पर कार्यरत हैं रेणुका सिंह भरतपुर के सोनहत विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित होकर आई है छत्तीसगढ़ विधानसभा में रेणुका सिंह ने कांग्रेस पार्टी के दिग्गज उम्मीदवार गुलाब कमारो को पछाणते विधानसभा में पहुंची है।
इस बार छत्तीसगढ़ विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी को पूर्ण रूप से स्पष्ट बहुमत मिला है इसलिए सरकार बनाने की कवायत शुरू हो चुकी है जिसके चलते महिला मुख्यमंत्री पद की मुहिम छेड़ रखी है जिसके चलते रेणुका सिंह का नाम चर्चाओं पर जारी है हो सके तो पार्टी की मीटिंग के पश्चात रेणुका सिंह के नाम पर मोहर रख सकती है।
रेणुका सिंह की राजनीतिक सफरनामा यह है कि 1999 में जनपद पंचायत की सदस्य रह चुकी है रामानुज नगर से मंडल अध्यक्ष बनाया गया था भारतीय जनता पार्टी की ओर से 2002 में समाज कल्याण मंडल का भी अध्यक्ष बनाया गया था 2003 में सरगुजा संभाग से रामानुजगंज नगर से पहली बार विधायक के पद पर निर्वाचित हुई थी फिर उसके बाद 2008 में फिर से विधायक पद पर निर्वाचित हुई रेणुका सिंह स्वतंत्र प्रभार की भी मंत्री बनी समाज कल्याण की भी मंत्री बनी साथ ही साथ मंडल अध्यक्ष मोर्चा प्रकोष्ठ की भी अध्यक्ष रह चुकी है 2019 में सर्कुलेशन सरगुजा सांसद बनी और नरेंद्र मोदी कैबिनेट मंत्रालय में जनजातीय मामलों की भी मंत्री बनी।
रेणुका सिंह का जन्म सन 1964 को हुआ था कोरिया जिले के एक ग्राम में फूल सिंह की बेटी रेणुका सिंह का विवाह सूरजपुर के रामानुजगंज रहने वाले नरेंद्र सिंह से विवाह इनका संपन्न हुआ।
रेणुका सिंह के दो बेटे और दो बेटियां भी हैं पूर्णिमा सिंह मोनिका सिंह यह दोनों बेटियां हैं बेटे का नाम बलवंत सिंह यशवंत सिंह है रेणुका सिंह बा स्नातक की डिग्री ले चुकी है तेजतर्रार महिला नेत्री है और स्वस्थ स्वच्छ छवि वाली महिला नेत्री है उनके नाम से कोई सा भी प्रकार का आपराधिक प्रकरण किसी भी थाने में दर्ज नहीं है।
वर्तमान में 2023 की विधानसभा चुनाव में विधानसभा की विधायक पद पर निर्वाचित हुई है भरतपुर सोनहत विधानसभा क्षेत्र से जिस क्षेत्र से प्रतिनिधित्व करते हुए आई है उसके चलते आज राज्य शासन के मुख्यमंत्री पद के लिए इनको सुशोभित भी किया जा सकता है।
वैसे तो मुख्यमंत्री पद के दो अन्य दावेदार भी हैं डॉ रमन सिंह जी हैं और प्रदेश के अध्यक्ष भारतीय जनता पार्टी के अरुण साहू भी हैं
अगर आदिवासी मुख्यमंत्री की दावा किया जाएगा तो रेणुका सिंह का नाम आगे रहेगा अगर पिछड़ा वर्ग का सिक्का चलने लग गया तो अरुण साहू को मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है यह कयास लगाया जा रहा है कि आदिवासी मुख्यमंत्री होना चाहिए।
यह भी है कि अगर महिला मुख्यमंत्री होती है तो छत्तीसगढ़ राज्य के लिए गौरव की बात रहेगी की पहली बार महिला मुख्यमंत्री का होना छत्तीसगढ़ के लिए बड़ी सौभाग्य की बात रहेगी इसलिए रहेगी की भारत के प्रधानमंत्री भी महिला थी राष्ट्रपति भी महिला थी और वर्तमान में भी महिला राष्ट्रपति है और छत्तीसगढ़ राज्य में भी महिला राज्यपाल थी।
चर्चाओं में बना है की रेणुका सिंह को मुख्यमंत्री पद के लिए सुशोभित किया जा सकता है।
हमारे संवाददाता का यह कहना है कि छत्तीसगढ़ राज्य में पुरुष मुख्यमंत्री बने हैं मगर वह विकास कार्य के नाम से सही कार्य नहीं किए हैं अगर महिला मुख्यमंत्री बनती है तो छत्तीसगढ़ राज्य में विकास की गंगा बह जाएगी और भारतीय जनता पार्टी द्वारा जो मोदी घोषणा पत्र है उसको अमूर्त रूप देने में महिला मुख्यमंत्री का ही महत्वपूर्ण योगदान रहेगा इसलिए महिला मुख्यमंत्री होना आवश्यक माना जा सकता है।
छत्तीसगढ़ राज्य को यह बड़ी सौभाग्य की बात रहेगी की महिला मुख्यमंत्री होना परम आवश्यक है क्योंकि महिलाओं पर अत्याचार खूब होती है वह नित्याचारों के खिलाफ विधेयक लाकर महिला आरक्षण संबंधित विधेयक को विधानसभा में पारित कर महिला आरक्षण पर विशेष बल दिया जा सकता है महिला मुख्यमंत्री होने पर।
यह भी क्लास लगाया जा रहा है कि अगर महिला मुख्यमंत्री बन जाती है तो राज्य में उपमुख्यमंत्री का भी प्रावधान रहता है और उपमुख्यमंत्री की दौड़ में जिसके चलते अरुण साहू को उपमुख्यमंत्री पद की भी शपथ दिलाई जा सकती है।