भाटापारा

बिजली बिल हाफ की चाहत, जनता को देती है राहत

भाटापारा हाल ही में प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव हाल में भूपेश बघेल के भरोसे को मात देकर मोदी जी के गारंटी पर मुहर लगाकर प्रदेश में भाजपा पार्टी ने सत्ता हासिल को अब प्रदेश की पिछली भूपेश सरकार के द्वारा संचालित योजनाओं को नवस्थापित भाजपा पार्टी के द्वारा बंद किये जाने की कवायद शुरू की जा रही है। अब उन योजनाओं को बंद कर पार्टी प्रदेश में अपने घोषणा पत्र के वादों को संचालित करने पर विचार विमर्श करती दिखाई दे रही है। जो प्रदेश की जनता जर्नादन से सरोकार रखती है। क्योंकि प्रदेश में शासन के द्वारा बनाई जाने वाली योजनाओं का लाभ लेकर जनता स्वयं को उस पार्टी के प्रति समर्पित करती है। जो कि उसके आगामी चुनाव पर हार जीत का फैसला करती है।प्रदेश में पिछली भूपेश सरकार द्वारा कई योजनाएं संचालित की गई थी। जिसमें से एक योजना बिजली बिल हॉफ की थी। जो कि आम जनता को राहत देती नजर आ रही थी। जिसे आम बिजली उपभोक्ताओं के द्वारा सराहा जाता रहा। क्यों कि आम बिजली उपभोक्ताओं पर जो बोझ पड़ता दिखाई देता था, साथ ही उपभोक्ताओं के समक्ष यह संकट होता था कि वे जलाये या घर की व्यवस्था को संचालित करें। आम उपभोक्ताओं का बजट फेल होता दिखाईदेता था। इसकी सबसे बड़ी मार गरीब मेहनत मजदूरी, मध्यम वर्गीय उपभोक्ताओं जो सुबह से ही ठेला रिक्शा छोटी मोटी दुकान चलाने वाले व कुली लेबर, वर्ग को झेलनी पड़ती थी। हर माह बिजली बिल 1000 से 2000 रूपये तक घर पहुंचता था, जिसका भुगतान नहीं किए जाने पर पेनाल्टी जोडकर उस पर बोझ डाल दिया जाता था, और कभी कभी तो उनके घरेलू कनेक्शन को कांटने की कार्यवाही की जाती रही थी। जिससे उन्हें आस पास के पडोसियों की नजर में शर्मिन्दगी महसूस होती थी। जिसे प्रदेश की भूपेश सरकार ने आम घरेलू उपभोक्ताओं की महत्वपूर्ण समस्या मानते हुए इस योजना को प्रदेश में लागू कर जनता के बीच अपनी छवि को सराहनीय बनाया । भूपेश सरकार की इस योजना को नवस्थापित प्रदेश की भाजपा सरकार के द्वारा अब संचालन में ना लेने को लेकर विचार विमर्श का दौर शुरू हो चुका है।
प्रदेश में इस बिजली बिल हाफ योजना का करोड़ों लोगों ने लाभ उठाकर राहत की सांस ली है। किन्तु नवस्थापित सत्ताधारी भाजपा पार्टी के द्वारा इस महत्वपूर्ण योजना को पूर्णत प्रतिबंधित करना कहीं ना कहीं आने वाले आगामी लोकसभा चुनाव के परिणामों में गिरावट को दिख सकता है। या यूं कहें कि इस योजना के बंद होने से जनता का पार्टी के प्रति झुकाव कम होसकता है। बुद्धिजीवियों का मतः इस बिजली बिल हॉफ योजना को लेकर किये जा रहे विचार विमर्श को बुद्धिजीवियों के द्वारा अपने मत में भी पार्टी के इस योजना को लेकर कहा गया कि प्रदेश की नवस्थापित भाजपा पार्टी को इस योजना को प्रदेश में संचालित होते रहने देना चाहिए। क्योंकि ऐसी योजनाएं आम जनता को राहत पहुंचाने का काम करती है। इस महंगाई भरे समय में आम गरीब उपभोक्ता दोबारा इसके बोझ से दबे रहने में असमर्थ होता दिखाई देगा। जिसका परिणाम आगामी लोक सभा चुनाव में देखने को मिल सकता है। परिणामों में सकारात्मकता के लिए प्रदेश सरकार को इस योजना को बंद करने की ओर ध्यान ना देते हुए इस योजना का लाभ छत्तीसगढ़वासियों को दिया जाना चाहिए।

अगर प्रदेश सरकार चाहें तो एक विकल्प के तौर पर इस योजना को दो भागों में विभाजित कर आम घरेलू उपभोक्ताओं को राहत पहुंचा सकती है। जिसमें उद्योग धंधों के लिए इस योजना को पूर्णत प्रतिबंधित कर सिर्फ आम घरेलू कनेक्शनधारियों पर इस योजना को लागू करने की ओर ध्यान देना चाहिए। ताकि आम घरेलू उपभोक्ताओं को इसका सीधा- सीधा लाभ मिल सके। जिससे आगामी चुनाव में भी भाजपा पार्टी को इसका

सकारात्मक परिणाम देखने को मिले।

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