
कब हटेंगे शहर में होने वाले अतिक्रमण…..
शिखर एक्सप्रेस न्यूज/भाटापारा शहर की आबादी जैसे-जैसे दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। ठीक उसी तरह वैसे-वैसे ही यहां के अतिक्रमणधारी अतिक्रमण करने से भी नहीं चूक रहे। जिसको जहां जगह मिली, वह मनमाने तरीके से अतिक्रमण कर रहा है। जिस पर प्रशासन तथा स्थानीय प्रशासन का जरा सा भी अंकुश नहीं है। वहीं यहां के जन-प्रतिनिधि चाहे वे किसी भी दल के हों, अपने वोट बैंक के कारण इस अतिक्रमण पर अपनी आँखें मूंद लेते है। नगर के किसी भी कोने में आप अपनी आंख घुमाएँ तो वहां आपको अतिक्रमण दिखायी देगा।
हम बात करें स्थानीय रेलवे स्टेशन से हटरी बाजार की ओर जाने वाले मार्ग की। इस मार्ग पर कुछ समय पूर्व ही रेलवे प्रशासन ने स्टेशन रोड से पटपर (बलौदा बाजार) जाने वाले मार्ग पर अण्डर ब्रिज बनवाया है। जिसकी बगल से जाने वाली सड़क पर कुछ होटलें, पान ठेले व गुमट्टियों ने अवैध कब्जा कर इस मार्ग को लगभग बंद सा कर दिया है। इस संकरे रोड से निकलना सामान्य जन के लिये दूभर सा हो गया है। विभिन्न प्रेस मीडिया प्रिंट व इलेक्ट्रिानिक आदि के माध्यम से कई बार उक्ताशय के समाचार प्रसारित व प्रकाशित भी होते रहते है। जिन पर न तो प्रशासन और न तो रेलवे प्रशासन किसी प्रकार का गंभीरतापूर्वक ध्यान देता है। हां, एका-ध बार रेल्वे प्रशासन ने इन अवैध कब्जों को हटाया भी था। परंतु कुछ दिनों बाद मामला ठंडा हो जाने पर कथित अवैध कब्जाधारियों द्वारा पुन: पुरानी जगह पर अतिक्रमण कर फिर से इस मार्ग को दुर्गम से अधिक दुर्गम बना दिया जाता है। तब कोई ध्यान नहीं देता, यह भाटापारा वासियों के लिये नासूर की तरह बनता जा रहा है।
ऐसे ही कुछ समय पूर्व अवैध कब्जाधारियों के हटरी बाजार स्थित चूड़ी लाईन के चारो ओर किये गये अवैध कब्जों की जानकारी विभिन्न मीडिया के माध्यम से आयी थी। जिस पर स्थानीय प्रशासन (नगर पालिका) अपनी कुंभकर्णी नींद से एक दिन के लिये जागकर यहां के सभी अवैध कब्जाधारियों को अवैध कब्जा हटाने का नोटिस जारी किया था। इतने में अपने कर्तव्यों की इतिश्री समझकर स्थानीय प्रशासन के कर्मी फिर से गहरी नींद में चले गये। यो आज तक नहीं उठे है।
बहरहाल, स्थानीय हटरी बाजार चूड़ी लाईन के जैसे ही यहां के दूसरे प्रमुख मार्ग रेल्वे स्टेशन से सदर बाजार की ओर जाने वाले मार्ग पर दुकानदारों ने भी अपनी- अपनी दुकानों का सामान रोड तक निकालकर यहां के इस मार्ग को काफी संकरा कर दिया है। जिससे इस रोड पर भी दिन भर ट्रैफिक जाम का नजारा लोगों को दिखता है। परन्तु यह स्थिति यहां से गुजरने वाले किसी भी शासकीय सेवकों को नहीं दिखती । अथवा वे ध्यान नहीं देने के “प्रहसन” में लगे रहते है। ऐसी स्थिति में आमजन यह सब सहने की अवस्था में इन मार्गों से मजबूरी वश चलने को विवश दिखता है।
बिल्कुल यही स्थिति नये व पुराने बस स्टैण्ड, मुंगेली बस स्टैंड ( विश्वास गृह से लिमतरा जाने वाले मार्ग), स्थानीय मण्डी रोड व पटपर रोड आदि प्रमुख सड़कों की है। जिस पर शासन-प्रशासन का बिल्कुल ध्यान नहीं है।
वैसे, छत्तीसगढ़ में सरकार बदलते ही रायपुर शहर में शासन ने अवैध कब्जों को हटाने की मुहिम छेड़़ देने पर आम लोगो को लगा था कि यह मुहिम समूचे छत्तीसगढ़ में भी चलेगी। लोगों का ऐसा सोचना वाजिब भी था। क्योंकि जिस दिन चुनाव परिणाम आये, उस दिन भाजपा कार्यकर्ताओं ने जे.सी. बी. व बुलडोजर पर चढ़कर जीत का जश्न मनाया था। जिसकी बानगी कुछ दिनों पूर्व भाटापारा अनाज मण्डी के पास किसी रसूखदार व्यक्ति द्वारा किये गये अतिक्रमण को हटाया गया। जिसे भाटापास वासियों ने देखा और प्रतिक्रिया स्वरूप ऐसी बातें भी कही। अब लगता है कि स्थानीय शासन-प्रशासन मुंह में चादर ढककर फिर से सो जाने की कवायद में लग गया है।