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₹5 राजश्री गुटखा मिलने वाला आज महंगी रेट में बिक रहा है।…..
रिपोर्टर राकेश कुमार साहू
जांजगीर-चंपा नारियरा अकलतरा।
राजश्री गुटखा की कीमत बढ़ गई है यह व्यापारियों का कहना है जो की राजश्री की कीमत एक गुटके की कीमत ₹5 है तो व्यापारी ने हमें यह कहा कि₹20 में तीन मिलेगा₹5 का जमाना जप्त हो चुका है व्यापारी से हमने यह भी पूछा कि क्या यह राजश्री की गुटखा कंपनी से आपको बड़ी रेट में मिली है क्या क्या महंगाई बढ़ गई क्या महंगाई तो बढ़ नहीं रहती है मार्च के बाद अप्रैल में क्योंकि नई बजट सत्र का शुरुआत अप्रैल से होती है मगर और वक्त में मार्च में ही राजश्री की कीमत आसमान छू रहा है।
बड़े व्यापारियों का कहना यह है कि माल सतेज है इसलिए हम इतने रेट में हम भेज रहे हैं कंपनी के द्वारा नहीं बढ़ाया गया है इसका मतलब यह होता है कि बड़े व्यापारियों के द्वारा माल को जाम रखा गया है जबकि कंपनी से भरपूर मात्रा में इसकी आपूर्ति की जाती है जिसका फायदा व्यापारियों के द्वारा किया जाता है अपने मुनाफा कमाने के चक्कर में।
हमारे संवाददाता राकेश कुमार साहू का कहना यह है कि महंगाई जब बढ़ती है तो मार्च के बाद अप्रैल में बढ़ती है मगर और वार्षिक बजट सत्र के मार्च के क्लोजिंग में कैसे रेट बढ़ गया जबकि कंपनी द्वारा बढ़ाया नहीं गया है लेकिन व्यापारियों के द्वारा बढ़कर बेची जा रही है राजश्री गुटका को।
वैसे देखा जाए तो ना तो कोरोना कआ ल है ना आपात स्थिति है और ना ही किसी प्रकार की विषम परिस्थिति है जो की गुटके की कीमत को बढ़ा दी जाए।
कंपनी से माल की आपूर्ति निरंतर जारी है मगर व्यापारियों के द्वारा मनमानी रेट में गुटका को बेचा जा रहा है।
हर व्यापारी केवल यही कह रहा है कि माल का स्ट्रेटजी है जिसके चलते राजश्री गुटखा को₹20 में तीन बेचा जा रहा है यह और अ नैतिक रेट से बचा जा रहा है।
हमारे संवाददाता गुटखा खाने के शौकीन है जिन्होंने राजश्री गुटका लिया तो हमारे संवाददाता को ₹20 में तीन गुटखा थमा दिया।
जांजगीर-चंपा नारियरा अकलतरा।
राजश्री गुटखा की कीमत बढ़ गई है यह व्यापारियों का कहना है जो की राजश्री की कीमत एक गुटके की कीमत ₹5 है तो व्यापारी ने हमें यह कहा कि₹20 में तीन मिलेगा₹5 का जमाना जप्त हो चुका है व्यापारी से हमने यह भी पूछा कि क्या यह राजश्री की गुटखा कंपनी से आपको बड़ी रेट में मिली है क्या क्या महंगाई बढ़ गई क्या महंगाई तो बढ़ नहीं रहती है मार्च के बाद अप्रैल में क्योंकि नई बजट सत्र का शुरुआत अप्रैल से होती है मगर और वक्त में मार्च में ही राजश्री की कीमत आसमान छू रहा है।
बड़े व्यापारियों का कहना यह है कि माल सतेज है इसलिए हम इतने रेट में हम भेज रहे हैं कंपनी के द्वारा नहीं बढ़ाया गया है इसका मतलब यह होता है कि बड़े व्यापारियों के द्वारा माल को जाम रखा गया है जबकि कंपनी से भरपूर मात्रा में इसकी आपूर्ति की जाती है जिसका फायदा व्यापारियों के द्वारा किया जाता है अपने मुनाफा कमाने के चक्कर में।
हमारे संवाददाता राकेश कुमार साहू का कहना यह है कि महंगाई जब बढ़ती है तो मार्च के बाद अप्रैल में बढ़ती है मगर और वार्षिक बजट सत्र के मार्च के क्लोजिंग में कैसे रेट बढ़ गया जबकि कंपनी द्वारा बढ़ाया नहीं गया है लेकिन व्यापारियों के द्वारा बढ़कर बेची जा रही है राजश्री गुटका को।
वैसे देखा जाए तो ना तो कोरोना कआ ल है ना आपात स्थिति है और ना ही किसी प्रकार की विषम परिस्थिति है जो की गुटके की कीमत को बढ़ा दी जाए।
कंपनी से माल की आपूर्ति निरंतर जारी है मगर व्यापारियों के द्वारा मनमानी रेट में गुटका को बेचा जा रहा है।
हर व्यापारी केवल यही कह रहा है कि माल का स्ट्रेटजी है जिसके चलते राजश्री गुटखा को₹20 में तीन बेचा जा रहा है यह और अ नैतिक रेट से बचा जा रहा है।
हमारे संवाददाता गुटखा खाने के शौकीन है जिन्होंने राजश्री गुटका लिया तो हमारे संवाददाता को ₹20 में तीन गुटखा थमा दिया।