समाज का सजक प्रहरी बना पत्रकार , अब सुरक्षित नहीं रहा : सत्यनारायण (सत्तू ) पटेल…..
भाटापारा : – पत्रकारों के हितों के लिए पत्रकार सुरक्षा कानून जल्द से जल्द लागू कर दिया जाना चाहिए । आए दिन प्रदेश सहित पूरे देश में पत्रकारों के साथ बदसलूकी , मारपीट यहां तक की उसकी निर्मम हत्या कर दी जा रही है । सरकार चाहे जिसकी हो लेकिन सच्चाई की आवाज उठाने वाले कि यदि खुद की ही सुरक्षा न हो तो लोगों की हित के लिए क्या लड़ाई लड़ेगा ।
उक्त कथन ग्लोबल जर्नलिस्ट एंड मीडिया संघ छत्तीसगढ़ के प्रदेश महासचिव सत्यनारायण (सत्तू ) पटेल ने बहुत ही दुखित मन से कहा । आगे उन्होंने कहा पत्रकारों का भविष्य अंधकार में है एवं पूरे देश में राजनीति हावी है । एक राजनेता जिसे दुनिया भर की सुरक्षा दिया जाता है लेकिन सच्चाई की आवाज उठाने वाले , देश के हित में काम करने वाले , छोटी-छोटी मुद्दाओं को छोटे-छोटे लोगों तक पहुंचाने वाले निस्वार्थ रूप से बिना वेतन के अपना फर्ज निभाने वाले एक पत्रकार को देश में किसी भी प्रकार का ना कोई सुरक्षा है और ना ही उसका भविष्य को संवारने वाला ऐसी कोई सरकारी योजना सरकार के पास है । बीजापुर के पत्रकार मुकेश चंद्राकर अब हमारे बीच नहीं रहे , पर उनका परिवार इस दुनिया में है । क्या सरकार उसकी परवरिश की जवाबदारी ले पाएगी ? इसी बीच एक खबर और आ रही है प्रदेश की राजधानी रायपुर प्रेस क्लब के उपाध्यक्ष को भी एक वन विभाग के अधिकारी द्वारा जान से मारने की 8 से 10 बार धमकी दी गई है ।प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो चुकी है और प्रदेश के नेता गण अपने आप में मस्त है ।हमारे संगठन ग्लोबल जर्नलिस्ट एंड मीडिया संघ छत्तीसगढ़ की तरफ से उक्त कृतियों का घोर निंदा करती है , एवं राज्य में कानून व्यवस्था को दुरुस्त करने की मांग करती है,ताकि आम जनता सुरक्षा की सांस ले सके । वरिष्ठ पत्रकार रविंद्र गिनौर ने भी अपना विचार साझा करते हुए कहा की समाज की विसंगतियों को सामने लाने की पत्रकारों ने जब-जब कोशिश की तब-तब उन्हें प्रताड़ित किया गया उनके खिलाफ झूठे मुकदमे दर्ज किए गए। पत्रकारों की निर्मम हत्या भी होती रही। बस्तर क्षेत्र के पत्रकार दोहरे संघर्ष से जूझते काम कर रहें हैं। बीजापुर के पत्रकार मुकेश चन्द्राकर की निर्मम हत्या में ऐसे लोग शामिल लगते हैं जो समाज में खुलेआम हरकतें कर रहें हैं और उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं हो रही है। मैं बीजापुर के पत्रकार मुकेश चन्द्राकर की हत्या की कड़े शब्दों में निन्दा करता हूं और सरकार का ध्यान आकर्षित करते हुए कहता हूं कि पत्रकार की निर्मम हत्या करने वालों के खिलाफ शीघ्र कार्रवाई करते हुए उनके खिलाफ जांच करें।साथ ही पत्रकार के परिवार को समुचित मुआवजा की घोषणा करें।