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जिला बलौदाबाजार-भाटापारा पुलिस की उत्कृष्ट विवेचना एवं जांच कार्यवाही से नाबालिक पीड़िता के दुष्कर्मी को किया गया 10 वर्ष कठोर कारावास की सजा से दंडित।
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जिला ब्यूरो चीफ ताराचंद कठोत्रे
बलौदाबाजार ;- जिला बलौदाबाजार थाना भाटापारा ग्रामीण क्षेत्र में एक नाबालिग लड़की को उसके वैध संरक्षक की सम्मति के बिना अन्यत्र ले जाकर व्यपहरण और बलात्संग करने वाले आरोपी ऋषि यादव पिता गैंदराम यादव को माननीय न्यायालय द्वारा आजीवन कारावास एवं अर्थदंड की सजा से दंडित किया है। प्रकरण में प्रार्थी द्वारा थाना भाटापारा ग्रामीण में आकर रिपोर्ट दर्ज कराया गया कि उसकी *नाबालिग पुत्री दिनांक 26.05.2022 को बिना बताए घर से कहीं चली गई है। कि रिपोर्ट पर गुम इंसान प्रकरण पंजीबद्ध कर जांच पतासाजी में लिया गया तथा गुमशुदा नाबालिक होने तथा किसी संदिग्ध द्वारा बहलाकर भगा ले जाने के अंदेशा पर अपराध धारा 363 भादवि पंजीबद्ध* कर विवेचना में लिया गया।
थाना भाटापारा ग्रामीण पुलिस द्वारा नाबालिग बालिका की तलाश कर *अपहृता नाबालिक को, आरोपी ऋषि यादव पिता गैंदराम यादव उम्र 21 वर्ष निवासी ग्राम खैरी थाना भाटापारा ग्रामीण के कब्जे से बरामद किया गया*। अपहृता से पूछताछ पर आरोपी द्वारा बहला फुसलाकर, भगा ले जाकर जबरदस्ती शारिरिक संबंध बनाने का पता चला। कि *प्रकरण में धारा 366,376,34 भादवि, 04,06 पाक्सो एक्ट एवं 3(2)(V)(क) अजा/अजजा अधिनियम जोड़ी गई है।* उक्त रिपोर्ट पर *अपराध पंजीबद्ध कर तत्कालीन एसडीओपी भाटापारा श्री सिद्धार्थ बघेल एवं सहायक उपनिरीक्षक अश्वनी कन्नौजे थाना भाटापारा ग्रामीण द्वारा आरोपी को तत्काल गिरफ्तार करते हुए उत्कृष्ट विवेचना एवं जांच कार्यवाही कर प्रकरण में विवेचना पूर्ण कर चालान माननीय न्यायालय के समक्ष* प्रस्तुत किया। शासन की ओर से अपर लोक अभियोजक श्री न्याजी खान द्वारा प्रकरण की पैरवी की गई।
*माननीय न्यायालय किरण त्रिपाठी अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश FTSC (POCSO) भाटापारा ने प्रकरण की गंभीरता एवं साक्ष्यों के परिशीलन करने* बाद आरोपी द्वारा किया गया अपराध सिद्ध होना पाया। माननीय न्यायालय द्वारा *आरोपी ऋषि यादव पिता गैंदराम यादव को भादवि की धारा 363 में 07 वर्ष का सश्रम कारावास व ₹500 अर्थदंड, धारा 366 में 10 वर्ष सश्रम कारावास व ₹1000 अर्थदंड, धारा 376(J) 10 वर्ष का सश्रम कारावास एवं ₹5000 अर्थदंड, 6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम अपराध हेतु 10 साल का कठोर कारावास एवं ₹5000 अर्थदंड का दंडादेश पारित* किया गया है। अर्थदंड *अदा नहीं करने की स्थिति में एक 01-01 माह का सश्रम कारावास* दिये जाने तथा उपरोक्ततानुसार *दिए गए कारावास के सभी दण्डादेश साथ-साथ भूखताए जाने का आदेश पारित किया गया* है।