रायगढ़

पति करता था जानवरों जैसी हरकतें, परिवार के लोग देते थे साथ, पति देवर और सास ,ससुर पर मामला दर्ज…

रायगढ़ जिला ब्यूरो चीफ राजू यादव की रिपोर्ट

रायगढ़:- पति जानवरों जैसी हरकतें करता था देवर छेड़छाड़ करता था और परिवार उन्हीं का साथ देता था, ऐसे में पीड़िता की ओर से मदद के लिए थाने में गुहार लगाई गई। विवेचना के पश्चात पुलिस ने पीड़िता के पति, देवर, सास और ससुर निवासी सेठी नगर रायगढ़ पर भारतीय दंड संहिता की धारा 377, 354 और 34 पंजीबद्ध कर लिया है।

चक्रधर नगर थाने में पंजीबद्ध इस मामले में बताया गया है कि एक महिला ने तरुण देवांगन, दीपक देवांगन , बसंती देवांगन और संत राम देवांगन के खिलाफ शिकायत की थी, जिस पर अपराध पंजीबद्ध हुआ है। महिला ने बताया था कि जब वह गर्भवती थी तब उसके पति उससे जबरन अप्राकृतिक योन संबंध स्थापित करते थे और मना करने पर उससे मारपीट और गाली गलौज करते थे। इतना ही नहीं बल्कि प्रार्थीया के देवर को जब पति-पत्नी के बीच की यह बात पता चली तो वह भी मौके का फायदा उठाते हुए मौका देख कर अपनी भाभी की अस्मत के साथ खेलना चाहा। इन सब बातों की शिकायत जब प्रार्थीया ने अपने सास-ससुर से की तो उन्होंने भी यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि तू पूरे परिवार को फसाना चाहती है। सास ससुर ने यह कहा कि पति की ओर से किए जा रहे कृत्य को तो सहन करना ही पड़ता है इसलिए वह भी सहन करे। जब प्रार्थीया ने कहा कि उसे उसके मायके छोड़ दिया जाए तो मायके छोड़ने के जगह उसे उसके पति चेन्नई ले गए जहां पूर्ववत उसके साथ अप्राकृतिक संबंध स्थापित करते हुए मारपीट करने लगा और देवर ने भी आपत्तिजनक हरकतें करनी नहीं छोड़ी। जब बच्चे ने जन्म ले लिया तब यह आरोप भी लगाने लगे कि यह बच्ची उसकी नहीं बल्कि किसी और की है। ससुराल पक्ष के लोग प्रार्थीया को अपने घर से निकाल कर तलाक देने की बात करने लगे। अपने ऊपर लगातार हो रहे अत्याचार और इसे किसी तरह सहन करने के बावजूद भी रिश्ते को टूटता देख और ससुराल पक्ष के लोगों की ओर से तलाक लेने के मंसूबे को देखते हुए प्रार्थीया ने पूरे घटनाक्रम को पुलिस के समक्ष रखा , जिस पर पुलिस थाना चक्रधर नगर की पुलिस ने विवेचना के पश्चात मामला पंजीबद्ध कर लिया है।

अग्रिम जमानत याचिका भी हुई खारिज

जब आरोपी गणों की ओर से प्रार्थीया के ससुर ने जमानत याचिका रायगढ़ न्यायालय में लगाई गई तो अधिवक्ता गणों ने इसका जमकर विरोध किया और न्यायालय के समक्ष घटना की गंभीरता को कानूनी तरीके से रखा, जिसकी वजह से न्यायालय ने आरोपी ससुर की अग्रिम जमानत याचिका नामंजूर कर दी है।

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