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भाटापारा की सड़कों पर भरा पानी नालियों की नहीं हो रही है सफाई….
समस्या.नगर पालिका की निष्क्रियता से आम जनता मूलभूत सुविधाओं से वंचित
भाटापारा : – प्रदेश में सबसे बड़े नगर पालिकाओं में गिने जाने वाले भाटापारा नगर पालिका अपनी मनमानियों के लिए मशहूर होता जा रहा है । जिसका उदाहरण भाटापारा शहर की स्थितियों को देखते हुए कही जा सकती है । जहां एक ओर पालिका क्षेत्र में व्याप्त गंदगी एवं समस्याओं का अंबार है तो ठीक उसी तरह पालिका कार्यालय में जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों का नदारत रहना इस बात का सबसे बड़ा सबूत है।पिछले एक दशक से भाटापारा शहर की आम जनता नगर पालिका की उदासीनता के चलते अपनी मूलभूत सुविधाओं से वंचित होता आ रहा है । इसका मुख्य कारण यहां के स्थानीय शासन और प्रशासन के बीच तालमेल का ना बैठना , जिसके चलते स्थानीय नागरिकों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है । यहां के स्थानीय जननेता भी एक दूसरे के ऊपर आरोप प्रत्यारोप करने से नहीं चूक रहे हैं । जनप्रतिनिधियों को नगर पालिका क्षेत्र में सफाई व्यवस्था , पानी व्यवस्था ‘ प्रकाश व्यवस्था जैसी आम जनता की मूलभूत सुविधाओं से कोई लेना-देना नहीं है । शहर के कई ऐसी रास्ते गलियां है जहां से गंदगी एवं बदबू के कारण आम लोगों का निकलना दुश्वार हो जाता है । वहीं थोड़ी सी बरसात होने पर नालियां जाम होने के कारण गलियां तालाब बन जाती है।
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आखिर इन अवस्थाओं का जवाबदार कौन है।नगर पालिका में व्याप्त समस्याओं को लेकर हमारे स्थानीय संवाददाता सत्यनारायण (सत्तू) पटेल ने जब एसडीएम नितिन तिवारी से फोन पर बात की तो उन्होंने बताया की मुख्य नगर पालिका अधिकारी 12 – 13 तारीख तक अवकाश पर है।एवं समस्याओं के समाधान के लिए स्पष्ट जवाब नहीं दे पाए । हमारे संवाददाता के माध्यम से स्थानीय आम जनता यह जानना चाह रही है की सफाई व्यवस्था पर कितने मजदूर लगे हुये है एवं उन पर कितना खर्च किया जाता है ।
इधर चुनावी कार्यकाल होने के कारण नगर में वार्ड परिसीमन की प्रक्रिया की जा रही है जो नियम को ताक में रख कर केवल खाना पूर्ति प्रतीत हो रही है । चुंकि यह वर्ष नगर पालिका चुनावी वर्ष है , एवं नगरपालिका चुनाव कुछ महीने ही शेष रह गए हैं लेकिन इन पांच सालों में नगर के चुने गए अधिकांश पार्षद अपने वार्ड से अक्सर दूरियां बनाए रखना अपनी शान समझते रहे ,और वार्ड वासियों को अपनी समस्याओं को लेकर उन्हें ढूंढना पड़ता था , आगामी नगर पालिका चुनाव में क्या ऐसे निष्क्रिय जनप्रतिनिधियों को यहां की जनता सबक सीखा पाएगी।