भाटापारा

करोड़ों रुपये जल व समेकित कर बकाया, शहर के विकास में आ रही बाधा : अश्वनी शर्मा

शहर के विकास में सहयोगी बनने नपा अध्यक्ष की अपील, जनता करे समेकित व जल कर का भुगतान

भाटापारा-छत्तीसगढ़ प्रदेश के सबसे बड़ी नगर पालिका का दर्जा रखने वाले भाटापारा में अरसे से शहरवासियों द्वारा सम्पत्ति कर व जल कर का भुगतान नहीं किया जा रहा है। निरंतर बकाया होने से कर की यह राशि करोड़ों में हो चली है। ऐसे में अनेक तरह के विकास कार्यों के लिए करों पर निर्भर रहने वाली नगर पालिका में अब विकास में बाधा आ रही है। स्थिति को देखते हुए नवनिर्वाचित नगर पालिका अध्यक्ष अश्वनी शर्मा ने शहर के विकास में सहभागी बनने लोगों से जल व समेकित करों के भुगतान की अपील की है। नपा अध्यक्ष श्री शर्मा ने कहा कि उन्होंने शहर को स्वच्छ, सुंदर व विकसित बनाने की दिशा में अनेक योजनाओं की रूपरेखा तैयार कर ली है, लेकिन नगर पालिका में पर्याप्त मद नहीं होने से वे विकास कार्य शुरू हो पा रहे हैं। दूसरी ओर नगर पालिका के अंतर्गत कार्य करने वाले कर्मचारियों के वेतन का भुगतान भी नहीं हो पा रहा है।

गौरतलब है कि नगरीय निकायों में अनुदान के अलावा विकास कार्यों के लिए मूल रूप से आय के स्त्रोत अनेक तरह के कर होते हैं, जिनकी वसूली नगरीय निकाय क्षेत्र के अंतर्गत रहने वाले लोगों से होती है। लेकिन नगर पालिका परिषद भाटापारा में करोड़ों रुपये का सम्पत्ति कर व जल कर की राशि लम्बे अरस से बकाया है। नगरवासियों द्वारा इन करों का भुगतान होने से नगर में सुविधा बहाली के साथ ही विकास कार्य होंगे। बता दें कि नगर पालिका परिषद स्तर पर सम्पत्ति कर के रूप में आय के स्रोतों में भवन कर प्रमुख है, जो नगर पालिका क्षेत्र अंतर्गत निर्मित भवनों पर कर लगाई जाती है, जिसमें आवासीय और व्यावसायिक भवन शामिल हैं। इसी तरह भूमि कर भी वसूलने का प्रावधान है, जिसमें खाली प्लॉट और निर्मित भवन शामिल हैं। नपा क्षेत्र में व्यावसायिक संस्थानों पर व्यावसायिक कर लगाया जाता है। बिल बोर्ड और होर्डिंग या डिजिटल बोर्ड पर विज्ञापन कर लगाया जाता है। नगर पालिका क्षेत्र में निर्धारित पार्किंग स्थलों पर पार्किंग कर वसूला जाता है। वहीं निर्माण कार्यों पर निर्माण कर वसूलने का प्रावधान है। वहीं भवन और भूमि के पंजीकरण पर संपत्ति पंजीकरण शुल्क वसूला जाता है। इसके साथ ही भवन और भूमि के मूल्यांकन पर संपत्ति मूल्यांकन शुल्क की वसूली की जाती है। लेकिन आलम यह है कि नगर पालिका भाटापारा में आधे से कम लोग ही इन करों का भुगतान कर रहे हैं, जिसका असर नगर पालिका क्षेत्र में विकास कार्यों पर पड़ रहा है। दूसरी ओर कर्मचारियों का वेतन व मानदेय भी इन करों से ही दिया जाता है। कर की वसूली नहीं होने से कर्मचारियों का वेतन व मानदेय का भुगतान भी प्रभावित हो रहा है।

सम्पत्ति कर के माध्यम से नगर पालिका को राजस्व प्राप्त होता है, जिसका उपयोग नगरीय सेवाओं जैसे कि कूड़ा-कचरा संग्रहण, स्ट्रीट लाइट, और अन्य सामाजिक सेवाओं के संचालन में किया जाता है। वहीं सम्पत्ति कर के माध्यम से सड़कें, पानी की आपूर्ति, स्वच्छता, और अन्य सामाजिक सेवाओं के रख-रखाव में किया जाता है। इसी तरह 50 हजार से अधिक की आबादी वाले भाटापारा नगर पालिका परिषद क्षेत्र में नल जल योजना के अंतर्गत शहर में हजारों की संख्या में नल कनेक्शन हैं, जिनमें से शहर के कुछ लोग ही जल कर का भुगतान करते हैं, जबकि सामान्य नल के अंतर्गत 180 रुपये प्रति माह व भागीरथी नल जल योजना के अंतर्गत 60 रुपये प्रति माह कर निर्धारित है।

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