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पानी में डूबने से मृत्यु हुआ की हत्या की गई पोस्टमार्टम रिपोर्ट क्या कहता है।

राकेश कुमार साहू

जांजगीर चांपा_छत्तीसगढ़ राज्य से जांजगीर-चांपा जिले के अकलतरा विकासखंड के अंतर्गत नरियारा नगर पंचायत में शराब भट्टी के कुछ ही दूरी में एक व्यक्ति का ला स बरामद हुआ था जिसकी पहचान हुई थी आशीष कुमार साहू पिता मन बहल साहू उम्र 28 वर्ष साकी न करतला जिला कोरबा का निवासी होना पाया गया था थाने को सूचना दी गई थी जिसकी पोस्टमार्टम की रिपोर्ट क्या कहती है क्या पानी में डूब कर मारना क्या हत्या किया गया क्या आत्महत्या है क्या अन्य किसी पहलू से उक्त व्यक्ति की जान चली गई क्या पोस्टमार्टम रिपोर्ट क्या कहती है घटना क्षेत्र थाना मूलमुला के द्वारा मर्ग कायम कर जांच कार्यवाही पूर्ण हो गई है क्या अगर जांच कार्यवाही पूर्ण हो गई हो तो कार्रवाई की प्रकरण को सार्वजनिक क्यों नहीं करती।

क्योंकि मूलमुला थाना के अंतर्गत किसी भी प्रकरण की प्राथमिक की दर्ज हो जाती है तो दर्ज प्रकरण की यूनिवर्सिटीगेशन रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं किया जाता अधिकांश थानों की प्राथमिक रिपोर्ट होने के पश्चात जांच की जाती है जांच के उपरांत जो भी निष्कर्ष निकलता है वह कार्यवाही को सार्वजनिक करती है मगर थाना मूलमुला के द्वारा किसी भी प्रकरण की कार्यवाही को सार्वजनिक नहीं करती क्योंकि मामला संदिग्ध लगता है इसलिए संदिग्ध लगता है कि जो भी जांच रिपोर्ट रहता है उसे बदल दिया जाता है मोटी रकम के आधार पर।

मामला और यह भी है कि अब तक के सार्वजनिक नहीं करना पुलिस की भूमिका में जनता को संदिग्ध महसूस होने लगा है कि प्रकरण को किसी भी तरह से पानी में डूब मरने की रिपोर्ट बनाकर दावा आपत्ति क्लेम मुआवजा लंबी पाने की स्थिति बनती जा रही है क्योंकि पुलिस की भूमिका प्रत्येक प्रकरण में संदिग्ध लगता है क्योंकि डायरी को डॉक्टर से लेकर पुलिस तक के बदल देते हैं निष्पक्ष रूप से जांच कार्यवाही नहीं की जाती विशेष तौर से या तो राजनीतिक दबाव या किसी की सिफारिश से प्रकरण को लंबी किया जाता है जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया जाता।

हमारे संवाददाता राकेश कुमार साहू जी का कहना यह है कि थाना प्रभारी एवं थाना को जब किसी भी प्रकरण की कार्यवाही के लिए फोन किया जाता है तो थाना के द्वारा फोन रिसीव नहीं किया जाता खास तौर से पत्रकारों की जब फोन जाती है किसी भी थाने में पत्रकारों की फोन को नहीं उठाते बल्कि राजनीतिक दल के किसी भी व्यक्ति का अगर फोन जाता है तो उसकी जवाब वह तत्काल देते हैं मगर प्रेस वालों को जवाब ही नहीं देते विडंबना यह है।
थाना मुलमुलाको केवल प्रथम सूचना रिपोर्ट थाना एवं जांच रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं करना इनकी आदत सी बन गई है।
इससे ऐसा लगता है की थाना सिस्टम को बंद कर देना चाहिए क्योंकि देश के रक्षक पुलिस को माना गया है पुलिस थाने में जब प्रथम सूचना हो जाती है तो की गई कार्यवाही की मामले को सार्वजनिक नहीं करती।

इसी थाना के अंतर्गत नरियारा गांव में कई ऐसे मर्डर के प्रकरण दर्ज है जिन प्रकरणों की खुलासा नहीं की गई है मामले को नस्तीबद्ध कर दी जाती है पुलिस की भूमिका संदिग्ध होते जा रही है ऐसी स्थिति में पुलिस और जनता के बीच विश्वास की जो रेखा है वह खत्म होते नजर आ रही है।

छत्तीसगढ़ राज्य में कई ऐसे थाना है जहां प्राथमिक की दर्ज हो जाती है और प्राथमिक की दर्ज होने के पश्चात जांच की जाती है तो किसी न किसी प्रकरण में अभियुक्त पकड़ा जाता है और पकड़ा जाने के बाद उसे न्यायालय में पेश कर दी जाती है मगर इस मूलमुला थाना के प्रकरणों पर विवेचक के द्वारा सार्वजनिक नहीं किया जाना संदिग्ध लगता है ऐसा प्रतीत होता है कि आशीष कुमार साहू पिता मन बहल साहू की जांच रिपोर्ट बंद कर दी गई है पुलिस प्रशासन सुस्त है हर तरह के प्रकरणों पर।

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