छत्तीसगढ़

बहुत ही शिक्षाप्रद फिल्म है मन कुरैशी एवं दीक्षा जायसवाल द्वारा अभिनीत फिल्म बी ए फाइनल।

राकेश कुमार साहू।

रायपुर–समाज की गंदगी साफ करने के लिए बहुत ही अच्छी फिल्म बनाई गई है जो की काफी शिक्षाप्रद फिल्म है फिल्म को देखने पर पता चला कि अमीरी और गरीबी दोनों को दर्शाते हुए फिल्म को बनाया गया है जिसमें काफी अच्छी रोल है मन कुरैशी एवं दीक्षा जायसवाल की।
इस फिल्म में दीक्षा जायसवाल की भूमिका रहती है साउथ इंडियन हीरोइन की भूमिका अदा करती है जिसमें श्रीदेवी की भूमिका को दर्शाया है इसलिए दर्शाया गया है कि साउथ इंडियन में तमिल भाषा में दीक्षा जाए सवाल के डायलॉग रहती है जिस तरह से श्रीदेवी तमिल भाषा में फर्मांकन की थी इस तरह से इस फिल्म में अभिनय की है जिसमें की दीक्षा की मां को रुपया पैसा वाला दामाद चाहिए मगर दीक्षा के पिता को साफ सुथरा काम करने वाला दामाद चाहिए इसी तरह से इस फिल्म में अमीरी गरीबी को बताया है मगर एक नगर पालिका नगर पंचायत में काम करके पढ़ने वाला स्टूडेंट जो की सफाई कर्मचारी के रूप में रोल अदा किया है मन कुरैशी ने जो कि समाज की गंदगी को साफ किया है इसमें एक डायलॉग है गाड़ी वाला आया कचरा निकाल घर से जिस्म की दीक्षा जायसवाल हीरोइन अपने घर की कचरे को कचरा ढोने वाले हीरो मन कुरेशी की गाड़ी को देती है।

इस फिल्म में प्यार मोहब्बत पर आधारित फिल्म है विशेष तौर से देखा जाए तो हीरो हीरोइन एक ही क्लास में पढ़ते हैं और एक ही क्लास में पढ़ने के साथ-साथ प्यार मोहब्बत होती है शादी भी होती है अंत में प्यार की जीत होती है इस फिल्म में मन कुरैशी की मां का रोल अदा की है अंजलि चौहान ने जो कि अपने बेटे को स्नातक स्तर की पढ़ाई के लिए पुरजोर मेहनत करती है और सफलता के मुकाम पर हीरो को पहुंचा देती है इसमें के गाने बहुत ही शु मधुर दिलों को छू देने वाली गाने मजेदार हैं पिक्चर को देखने पर ऐसा लगता है कि आज के युग में लव मैरिज कैसे होती है अध्यनरत होते हुए मन कुरैशी एवं दीक्षा जायसवाल की सामाजिक बुराई जैसे की सफाई कर्मी में मन कुरैशी का जो रोल है वह काफी अच्छी रोल है यह फिल्म नए युग की शुरुआत की कहानी को बताता है।

हमारे संवाददाता एवं स्टार प्रचारक राकेश कुमार साहू के द्वारा इस फिल्म को देखा गया उन्होंने निष्कर्ष निकला की किस तरह से सौतेली मां अपनी बेटी को परेशान करती है और किस तरह से सौतेली मां अपने बेटे को अच्छी शिक्षा दीक्षा देती है और साथ ही साथ अच्छी भूमिका भी अदा की है अंजलि चौहान फिल्म का मतलब यह है कि समाज में जो गंदगी है उसे कैसे साफ किया जाए अमीरी गरीबी पढ़ाई लिखाई को दर्शाया गया है।
आज की जनरेशन में ऐसा ही हो रहा है प्रायः है यह देखा जा रहा है आज के युग में इसी तरह की कहानी बन चुकी है जो की नई युग की शुरुआत हो चुकी है वैसे यह फिल्म बी ए फाइनल बहुत ही अच्छी फिल्म है।

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