
एमबीबीएस डॉक्टर की समस्या से नरियारा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तरस रहा है।
राकेश कुमार साहू।
जांजगीर-चंपा के जिले के अंतर्गत अकलतरा विकासखंड के नरियारा नगर पंचायत में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एमबीबीएस डॉक्टर की समस्या बनी हुई है क्योंकि यहां जो भी डॉक्टर पदस्थ है वह 3 वर्षीय पाठ्यक्रम के अंतर्गत कोर्स करने वाले डॉक्टर की पोस्टिंग की गई है जहां पर की अगर किसी भी प्रकार की जोखिम वाली घटनाओं का निराकरण के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में ले जाया जाता है तो वहां पर एमबीबीएस डॉक्टर की समस्या रहती है जिसके कारण दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को अकलतरा बिलासपुर पामगढ़ रेफर कर दिया जाता है जिसके कारण भारी समस्या बनी रहती है।
ड्रेसर की समस्या यहां ड्रेसर की समस्या बनी हुई रहती है जो ड्रेसर के पद पर है उसे कंप्यूटर ऑपरेटर बना दिया जाता है जिसके कारण ड्रेसिंग कार्य में बाधा आती है।
ओपीडी समय पर नहीं खुलता है क्योंकि 9:00 बजे से खुलने का आदेश है मगर 10:00 बजे खुलता है।
सुरक्षा गार्ड की समस्या प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में सुरक्षा गार्ड की व्यवस्था नहीं है मात्र चौकीदार के भरोसे स्वास्थ्य केंद्र की सुरक्षा की जाती है जिससे कि कभी भी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में अप्रिय घटना घटने की संभावना होती रहती है भविष्य में।
अगर किसी अगर किसी सुरक्षा एजेंसी के माध्यम से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में सुरक्षा गार्ड की नियुक्ति कर दी जाती है तो सुरक्षा की श्रेणी में सुधार आ जाएगा क्योंकि किसी भी प्रकार की पुलिस प्रकरण रहने पर सुरक्षा गार्ड के माध्यम से संबंधित थाना में जानकारी देखकर संबंधित घटना की सूचना गार्डन के माध्यम से होती है इसलिए सुरक्षा गार्ड होना आवश्यक है।
इसलिए उपरोक्त व्यवस्था होना आवश्यक है कि नरियारा नगर पंचायत हो चुकी है तो उन सारी सुविधाओं से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में होना आवश्यक है।
हमारे संवाददाता का कहना यह है कि जिस तरह से अन्य स्वास्थ्य केदो में होती है जैसे कि अकलतरा इस प्रकार की सुविधा निर्जरा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में होना आवश्यक है ताकि मरीज को कोई परेशानी मत हो क्योंकि अगर एमबीबीएस डॉक्टर रहता है तो सारी जिम्मेदारी लेकर इलाज करता है और जवाबदारी लेते हुए शासन प्रशासन को जवाब दे सके जनता को भी जवाब दे सकता है ।
नरियारा नगर पंचायत सारी सुविधाओं से लेश होनी चाहिए जिससे परेशानी मत हो।